प्रयागराज : असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में 3900 शिक्षक भर्ती पर जल्द निर्णय लेगा निदेशालय
निदेशालय भर्ती पर निर्णय लेने के लिए इस हफ्ते कर सकता है बैठक
प्रदेश के अशासकीय महाविद्यालयों में शिक्षक भर्ती के लिए चार साल से जारी नहीं किया गया कोई विज्ञापन
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, प्रयागराज उच्च शिक्षा निदेशालय प्रदेश के अशासकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 3900 पदों पर भर्ती को लेकर जल्द ही कोई निर्णय ले सकता है। निदेशालय ने भर्ती शुरू करने के लिए शासन से अनुमति मांगी थी। अब शासन की ओर से निदेशालय को एक पत्र भेजा गया है।जिसमें सीधे तौर पर तो भर्ती शुरू करने का कोई निर्देश नहीं है, लेकिन शासन ने यह संकेत जरूर दिए हैं कि निदेशालय चाहे तो अपने स्तर से भी निर्णय ले सकता है। ऐसे में निदेशालय भर्ती पर निर्णय लेने के लिए इस हफ्ते बैठक कर सकता है। प्रदेश के अशासकीय महाविद्यालयों में शिक्षक भर्ती के लिए चार साल से कोई विज्ञापन जारी नहीं किया गया है।डेढ़ साल पहले उच्च शिक्षा निदेशालय ने असिस्टेंट प्रोफेसर के 534 पदों पर भर्ती के लिए उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग को अधियाचन भेजा था, लेकिन विज्ञापन जारी होने से पहले ही निदेशालय ने अधियाचन वापस ले लिया था। उस वक्त निदेशालय की ओर से बताया गया था कि पदों के आरक्षण का निर्धारण नए सिरे से किया जाएगा और इसके बाद संशोधित अधियाचन भेजा जाएगा।आरक्षण का निर्धारण पूरा होते ही ईडब्ल्यूएस आरक्षण की व्यवस्था लागू कर दी गई। निदेशालय को फिर से पदों का अधियाचन तैयार करना पड़ा। इसी बीच शासन की ओर से नया दिशा-निर्देश जारी कर दिया गया कि अशासकीय महाविद्यालयों में सभी रिक्त पदों का सत्यापन होगा और यह काम जिला स्तरीय कमेटी करेगी।सत्यापन का कार्य पूरा होने में महीनों बीत गए और फिर उच्च शिक्षा निदेशालय ने असिस्टेंट प्रोफेसर के रिक्त पड़े 3900 पदों की सूची शासन को भेजकर भर्ती शुरू करने की अनुमति मांगी। अनुमति न मिलने पर निदेशालय की ओर से शासन को दो बार रिमांडर भी भेजा गया।अब शासन की ओर से निदेशालय को पत्र जारी कर पूछा गया है कि क्या इससे पहले असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों का अधियाचन भेजने से पहले उससे अनुमति मांगी गई थी, क्योंकि पूर्व में इन पदों पर नियुक्ति के लिए शासन से अनुमति मांगने का प्रावधान नहीं था। हालांकि शासन ने अपने पत्र में स्पष्ट तौर पर अनुमति तो नहीं दी है, लेकिन भर्ती शुरू करने के संकेत दे दिए हैं। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. वंदना शर्मा का कहना है कि एक सप्ताह के भीतर बैठक कर इस मसले पर निर्णय लिया जाएगा।