प्रयागराज : 69000 शिक्षक भर्ती में 142 सवालों पर थी आपत्तियां, अब 13 प्रश्नों के जवाब पर असहमति
लखनऊ बेंच में करीब 13 सवालों तो इलाहाबाद हाई कोर्ट में 18 सवालों को चुनौती दी गई है। 13 प्रश्नों के जवाब ऐसे हैं जिनकी दोनों पीठों में सुनवाई चल रही है।
लखनऊ, जेएनएन।परीक्षा और उसमें पूछे गए प्रश्नों के जवाब का विवाद थम नहीं रहा है। एक तरफ 69000 शिक्षक चयन की प्रक्रिया चल रही है तो दूसरी ओर प्रश्नों के जवाब पर कोर्ट में बहस। परीक्षा संस्था और अभ्यर्थी दोनों दिए गए जवाब को सही ठहरा रहे हैं। बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में फिर सुनवाई हुई और कोर्ट ने सहायक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पर अंतरिम रोक लगा दी। अब सभी की निगाहें राज्य सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं। परिषदीय स्कूलों में 69000 शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा छह जनवरी, 2019 को हुई थी, लेकिन उसकी अंतिम उत्तरकुंजी नौ मई, 2020 को जारी हुई। अभ्यर्थियों ने परीक्षा में पूछे गए 150 प्रश्नों में से 142 के जवाब पर आपत्ति की थी, केवल आठ सवालों को उन्होंने बख्स दिया। विषय विशेषज्ञों ने सभी आपत्तियां खारिज कर दी केवल तीन प्रश्नों को पाठ्यक्रम का बाहर का मानकर हटा दिया, उसमें सभी को कामन अंक दिए गए हैं। अभ्यर्थी इसके विरोध में कोर्ट गए, लखनऊ खंडपीठ में करीब 13 सवालों तो इलाहाबाद हाई कोर्ट में 18 सवालों को चुनौती दी गई है। इनमें से 13 प्रश्नों के जवाब ऐसे हैं जिनकी दोनों पीठों में सुनवाई चल रही है।
पहले भी प्रश्नों पर खूब रहा विवाद
परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की यूपीटीईटी 2017 में 14 प्रश्न, यूपीटीईटी 2018 में छह प्रश्नों और यूपीटीईटी 2019 में करीब सात सवालों का प्रकरण अब भी कोर्ट में है। कई याचिकाएं खारिज भी हो चुकी हैं। इसी तरह 68500 शिक्षक भर्ती में 33 प्रश्न ऐसे थे जिनके उत्तर विकल्प एक या उससे अधिक तय हुए थे।
एलटी भर्ती की उत्तरकुंजी नहीं :
उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग ने राजकीय कालेजों में 10768 एलटी ग्रेड शिक्षक चयन में उत्तर कुंजी ही जारी नहीं की। आयोग का कहना था कि जिस भर्ती में चयन एक परीक्षा हो उसमें परीक्षा की उत्तरकुंजी का प्रावधान नहीं है। इस भर्ती में दो विषयों का परिणाम अब भी लंबित है।
कटऑफ अंक का विवाद दो पीठों में :
69000 शिक्षक भर्ती में कटऑफ अंक पर विवाद होने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट व लखनऊ खंडपीठ में सुनवाई हुई थी। दोनों का फैसला अलग होने पर सरकार व अभ्यर्थियों ने विशेष अपील दाखिल की, जिस पर निर्णय के बाद परिणाम आया।