प्रयागराज : उत्तर प्रदेश में शिक्षक भर्ती में 69000 कोर्ट में, 68500 बेसिक शिक्षा परिषद और पीएनपी में अटकी
उत्तर प्रदेश में शिक्षक भर्ती : 69000 कोर्ट में, 68500 बेसिक शिक्षा परिषद और पीएनपी में अटकी
यूपी में 69000 शिक्षकों की नियुक्ति शीर्ष कोर्ट में फंसी है 68500 भर्ती के चयनितों को बेसिक शिक्षा परिषद और परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय नियुक्ति व रिजल्ट लटकाए हुए हैं।
प्रयागराज [धर्मेश अवस्थी]। उत्तर प्रदेश के परिषदीय प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति अनिर्णय की शिकार है। 69000 शिक्षकों की नियुक्ति शीर्ष कोर्ट में फंसी है, वहीं 68500 भर्ती के चयनितों को बेसिक शिक्षा परिषद और परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) कार्यालय नियुक्ति व रिजल्ट लटकाए हुए हैं। 23 अभ्यर्थियों से आवेदन लेकर परिषद काउंसिलिंग नहीं करा रहा है। कोर्ट के आदेश पर पुनर्मूल्यांकन का परिणाम कब तक आएगा, यह तय नहीं है। परिषद के स्कूलों में 68500 सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा 2018 में पुन: मूल्यांकन में कोर्ट के आदेश पर 23 सफल अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन 24 से 27 मार्च तक लिया जाना था। कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन होने से ऑनलाइन आवेदन नहीं लिए जा सके, परिषद सचिव ने 26 मार्च को पत्र जारी करके कहा कि 14 अप्रैल तक कार्यवाही स्थगित रहेगी। दो माह बाद भी परिषद ने इन नियुक्तियों का संज्ञान नहीं लिया है, जबकि 69000 शिक्षक भर्ती के लिए सरकार तत्पर है।प्रभावित अभ्यर्थियों का कहना है कि वे दो साल से मानसिक पीड़ा झेल रहे हैं। उनकी तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है। कोर्ट के आदेश के कई माह हो चुके हैं। उधर, परिषद का कहना है कि शासन का आदेश मिलते ही आवेदन व काउंसिलिंग कराकर नियुक्ति देंगे। वहीं परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय का कहना है कि कोरोना संकट से देरी हुई है, जल्द रिजल्ट घोषित करेंगे।
*जूनियर हो जाएंगे चयनित :*
अभ्यर्थियों का कहना है कि परिषद के अफसरों की अनदेखी से 68500 भर्ती के चयनित 69000 भर्ती चयनितों से जूनियर हो जाएंगे, जो पढ़ाई व प्रशिक्षण आदि में उनके पीछे थे, क्योंकि उनके आवेदन, काउंसिलिंग और नियुक्ति कब होगी तय नहीं है।
*दो परिणाम आ चुके, तीसरे का इंतजार :*
68500 शिक्षक भर्ती के पुनर्मूल्यांकन में असफल अभ्यर्थियों ने कोर्ट की शरण ली। न्यायालय के आदेश पर पहली बार 59 अभ्यर्थी सफल हुए। दूसरी बार 32 अभ्यर्थी सफल घोषित करके नियुक्ति पत्र देने का आदेश हुआ। तीसरी बार 459 याचियों का फिर से मूल्यांकन करके रिजल्ट घोषित करने का हलफनामा पीएनपी ने दिया है। कोर्ट ने दिसंबर 2019 में आदेश दिया कि तीन माह में कॉपी चेक कराएं व एक माह में रिजल्ट घोषित करके प्रक्रिया पूरी की जाए। यह परिणाम अब तक नहीं आया है।
प्रयागराज [धर्मेश अवस्थी]। उत्तर प्रदेश के परिषदीय प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति अनिर्णय की शिकार है। 69000 शिक्षकों की नियुक्ति शीर्ष कोर्ट में फंसी है, वहीं 68500 भर्ती के चयनितों को बेसिक शिक्षा परिषद और परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) कार्यालय नियुक्ति व रिजल्ट लटकाए हुए हैं। 23 अभ्यर्थियों से आवेदन लेकर परिषद काउंसिलिंग नहीं करा रहा है। कोर्ट के आदेश पर पुनर्मूल्यांकन का परिणाम कब तक आएगा, यह तय नहीं है। परिषद के स्कूलों में 68500 सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा 2018 में पुन: मूल्यांकन में कोर्ट के आदेश पर 23 सफल अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन 24 से 27 मार्च तक लिया जाना था। कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन होने से ऑनलाइन आवेदन नहीं लिए जा सके, परिषद सचिव ने 26 मार्च को पत्र जारी करके कहा कि 14 अप्रैल तक कार्यवाही स्थगित रहेगी। दो माह बाद भी परिषद ने इन नियुक्तियों का संज्ञान नहीं लिया है, जबकि 69000 शिक्षक भर्ती के लिए सरकार तत्पर है।प्रभावित अभ्यर्थियों का कहना है कि वे दो साल से मानसिक पीड़ा झेल रहे हैं। उनकी तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है। कोर्ट के आदेश के कई माह हो चुके हैं। उधर, परिषद का कहना है कि शासन का आदेश मिलते ही आवेदन व काउंसिलिंग कराकर नियुक्ति देंगे। वहीं परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय का कहना है कि कोरोना संकट से देरी हुई है, जल्द रिजल्ट घोषित करेंगे।
जूनियर हो जाएंगे चयनित :
अभ्यर्थियों का कहना है कि परिषद के अफसरों की अनदेखी से 68500 भर्ती के चयनित 69000 भर्ती चयनितों से जूनियर हो जाएंगे, जो पढ़ाई व प्रशिक्षण आदि में उनके पीछे थे, क्योंकि उनके आवेदन, काउंसिलिंग और नियुक्ति कब होगी तय नहीं है।
दो परिणाम आ चुके, तीसरे का इंतजार :
68500 शिक्षक भर्ती के पुनर्मूल्यांकन में असफल अभ्यर्थियों ने कोर्ट की शरण ली। न्यायालय के आदेश पर पहली बार 59 अभ्यर्थी सफल हुए। दूसरी बार 32 अभ्यर्थी सफल घोषित करके नियुक्ति पत्र देने का आदेश हुआ। तीसरी बार 459 याचियों का फिर से मूल्यांकन करके रिजल्ट घोषित करने का हलफनामा पीएनपी ने दिया है। कोर्ट ने दिसंबर 2019 में आदेश दिया कि तीन माह में कॉपी चेक कराएं व एक माह में रिजल्ट घोषित करके प्रक्रिया पूरी की जाए। यह परिणाम अब तक नहीं आया है।