लखनऊ : बालिका विद्यालयों में 2016-17 में 89 मृत पदों पर हुई शिक्षक भर्ती के मामले में शिक्षा विभाग ने स्कूलों से वेतन सत्यापन आख्या मांगी हैं। सत्यापन रिर्पोट आने के बाद आगे की कार्यवाई की जाएगी। शुरूआती जांच में अवैधानिक तरीके से नियुक्त हुए शिक्षकों से वेतन 15 करोड़ रूपए की रिकवरी की बात सामने आई है।
वहीं, दूसरी तरफ माध्यमिक शिक्षक संघ ने दो और इंटर कॉलेजों के प्राइमरी सेक्शन में गलत तरीके से शिक्षक भर्ती का आरोप लगया है। इसे लेकर संगठन उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा को जल्दी एक ज्ञापन भी देगा।
संयुक्त शिक्षा निदेशक सुरेंद्र तिवारी ने बताया कि शिक्षकों के वेतन से जुड़ी आख्या डीआईओएस से मांगी गई है। डीआइओएस डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि शुरूआती जांच में उक्त शिक्षकों से करीब 15 करोड़ रुपये की वेतन वसूली होना है। इससे लेकर सभी 13 विद्यालयों से वेतन की सत्यापन आख्या तलब की गई है। आख्या आने के बाद जानकारी हो जाएगी कि किस महीने में किस शिक्षक को कितना वेतन दिया गया है। दो दिन पहले शिक्षकों ने भर्ती को सही बताया था।
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पूर्व डीआईओएस के कार्यकाल में हुई थीं 200 से ज्यादा नियुक्तियां।
लखनऊ : भ्रष्टाचार के आरोपों में जांच झेल रहे पूर्व जिला विद्यालय निरीक्षक (द्वितीय) डीएन सिंह के कार्यकाल में राजधानी के सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में 200 से ज्यादा नियुक्तियां की गईं। राजेश सिंह नाम के व्यक्ति की लिखित शिकायत पर 89 शिक्षक और कर्मचारियों की नियुक्तियां की जांच करके उन्हें अमान्य घोषित कर दिया गया। इनकी सेवाएं निरस्त करने की कार्रवाई तक शुरू कर दी गई हैं।
वहीं, अन्य नियुक्तियों की जांच तक न किए जाने पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि उनके ओर से उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर जांच के लिए कहा है। उधर, 89 शिक्षक भर्ती प्रकरण में शामिल शिक्षकों की ओर से मंगलवार को माध्यमिक शिक्षा निदेशक कार्यालय में ज्ञापन सौंपकर उनकी नियुक्तियों को अवैधानिक/अनियमित उल्लेखित न किए जाने की कार्रवाई करने की मांग की है। शिक्षकों ने बताया कि उन्होंने निदेशक से मुलाकात की। शिक्षकों का कहना है कि पदों को मृत बताकर उनकी नियुक्तियों को अमान्य घोषित किया जा रहा है। जबकि, इस 2015, 2016 में इस तरह से कई अन्य स्कूलों में भी नियुक्तियां की गई हैं। विभाग ने एक शिकायत के आधार पर जांच करके उनकी नियुक्तियों को अवैधानिक/ अनियमित घोषित कर दिया है। यह गलत है। शिक्षिका प्रभा अवस्थी, लता मौर्या, रोमा सिंह समेत कई शिक्षक शिक्षिकाओं ने ज्ञापन सौंपा।
कई तो तीन साल से बिना वेतन के: जिन 89 शिक्षकों की नियुक्तियों को अवैधानिक/अनियमित बताकर निरस्त करने और रिकवरी की कार्रवाई का गई है, उनमें कई को तो अभी तक वेतन ही नहीं दिया गया। इनका कहना है कि उच्चाधिकारियों की निगरानी में उनकी नियुक्ति हुई है।
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लखनऊ : 89 शिक्षकों-कर्मचारियों की नियुक्ति अमान्य, 13 एडेड स्कूलों में 3 वर्ष पूर्व हुई नियुक्तियों में मिली खामियां, सत्यापन शुरू।
89 शिक्षकों-कर्मचारियों की नियुक्ति अमान्य
लखनऊ : शिक्षा विभाग की ओर से अमान्य घोषित 89 शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्तियां राजधानी के 13 सरकारी सहायता प्राप्त बालिका विद्यालय में की गई हैं। यह सभी नियुक्तियां तीन साल पहले की गई हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक (प्रथम) डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने सभी स्कूल प्रबंधकों से इनके बारे में जानकारियां तलब की हैं। आपके अपने अखबार “हिन्दुस्तान” ने सोमवार के अंक में इस प्रकरण को प्रमुखता से उठाया था।
इन 13 स्कूलों के प्रबंधनों को भेजा है नोटिस
बता दें, राजधानी के सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में कार्यरत 89 शिक्षकों की नियुक्तियों को निरस्त करने की कार्रवाई शुरू की गई है। इन नियुक्तियों में नियमों की अनदेखी किए जाने की पुष्टि हुई है। निदेशालय की ओर से इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम 1921 की धारा -16 ई(10) के तहत इन सभी अनियमित नियुक्तियों को निरस्त करने के आदेश दिए गए हैं। संयुक्त शिक्षा निदेशक सुरेन्द्र कुमार तिवारी ने डीआईओएस (द्वितीय) नन्द कुमार से इन सभी नियुक्तियों को निरस्त करने का प्रस्ताव मांगा है। डीआईओएस डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि इन शिक्षक और कर्मचारियों से रिकवरी के आदेश आए हैं। नोटिस भेजी गई है।
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फर्जीवाड़े में लखनऊ के 89 शिक्षक होंगे बर्खास्त, वेतन की होगी रिकवरी।
फर्जीवाड़े में लखनऊ के 89 शिक्षक बर्खास्त होंगे
राजधानी के सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में कार्यरत 89 शिक्षकों की नियुक्तियां निरस्त की जाएंगी। अब तक वेतन के रूप में किए गए भुगतान की वसूली भी होगी। इन नियुक्तियों में नियमों की अनदेखी किए जाने की पुष्टि हुई है। निदेशालय के निर्देश पर संयुक्त शिक्षा निदेशक सुरेन्द्र कुमार तिवारी ने कार्रवाई शुरू कर दी है।
ये सभी नियुक्तियां सहायता प्राप्त बालिका विद्यालयों में पूर्व जिला विद्यालय निरीक्षक धीरेन्द्र नाथ सिंह के कार्यकाल में तीन साल पहले की गई थीं।
पद समाप्त होने के बाद नियुक्त किए थे शिक्षक
लखनऊ : राजधानी के सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में कार्यरत 89 शिक्षकों की बर्खास्तगी का प्रस्ताव जिला विद्यालय निरीक्षक (द्वितीय) नन्द कुमार से मांगा गया है। जांच में नियमों का अनदेखी कर अनियमितता करते हुए नियुक्तियां किए जाने की पुष्टि हुई है। कई विद्यालयों में शिक्षकों के पद मृत होने के बाद भी नियुक्तियां कर दी गईं।
जिला विद्यालय निरीक्षक (प्रथम) डॉ. मुकेश कुमार सिंह को इन शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन के रूप में किए गए भुगतान पर रिपोर्ट देने को कहा गया है। संयुक्त शिक्षा निदेशक सुरेन्द्र कुमार तिवारी ने बताया कि निदेशालय की ओर से इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम 1921 की धारा -16 ई(10) के तहत नियुक्तियों को निरस्त करने के आदेश दिए गए हैं। उसी के आधार पर डीआईओएस प्रथम और डीआईओएस द्वितीय से प्रस्ताव मांगा गया है।
नौकरी बांटने के लिए हुआ खेल : इस पूरे प्रकरण की जांच अपर शिक्षा निदेशक के स्तर पर की गई है।
कई तो तीन साल से बिना वेतन के: जिन 89 शिक्षकों की नियुक्तियों को अवैधानिक/अनियमित बताकर निरस्त करने और रिकवरी की कार्रवाई का गई है, उनमें कई को तो अभी तक वेतन ही नहीं दिया गया। इनका कहना है कि उच्चाधिकारियों की निगरानी में उनकी नियुक्ति हुई है।
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लखनऊ : 89 शिक्षकों-कर्मचारियों की नियुक्ति अमान्य, 13 एडेड स्कूलों में 3 वर्ष पूर्व हुई नियुक्तियों में मिली खामियां, सत्यापन शुरू।
89 शिक्षकों-कर्मचारियों की नियुक्ति अमान्य
लखनऊ : शिक्षा विभाग की ओर से अमान्य घोषित 89 शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्तियां राजधानी के 13 सरकारी सहायता प्राप्त बालिका विद्यालय में की गई हैं। यह सभी नियुक्तियां तीन साल पहले की गई हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक (प्रथम) डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने सभी स्कूल प्रबंधकों से इनके बारे में जानकारियां तलब की हैं। आपके अपने अखबार “हिन्दुस्तान” ने सोमवार के अंक में इस प्रकरण को प्रमुखता से उठाया था।
इन 13 स्कूलों के प्रबंधनों को भेजा है नोटिस
बता दें, राजधानी के सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में कार्यरत 89 शिक्षकों की नियुक्तियों को निरस्त करने की कार्रवाई शुरू की गई है। इन नियुक्तियों में नियमों की अनदेखी किए जाने की पुष्टि हुई है। निदेशालय की ओर से इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम 1921 की धारा -16 ई(10) के तहत इन सभी अनियमित नियुक्तियों को निरस्त करने के आदेश दिए गए हैं। संयुक्त शिक्षा निदेशक सुरेन्द्र कुमार तिवारी ने डीआईओएस (द्वितीय) नन्द कुमार से इन सभी नियुक्तियों को निरस्त करने का प्रस्ताव मांगा है। डीआईओएस डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि इन शिक्षक और कर्मचारियों से रिकवरी के आदेश आए हैं। नोटिस भेजी गई है।
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फर्जीवाड़े में लखनऊ के 89 शिक्षक होंगे बर्खास्त, वेतन की होगी रिकवरी।
फर्जीवाड़े में लखनऊ के 89 शिक्षक बर्खास्त होंगे
राजधानी के सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में कार्यरत 89 शिक्षकों की नियुक्तियां निरस्त की जाएंगी। अब तक वेतन के रूप में किए गए भुगतान की वसूली भी होगी। इन नियुक्तियों में नियमों की अनदेखी किए जाने की पुष्टि हुई है। निदेशालय के निर्देश पर संयुक्त शिक्षा निदेशक सुरेन्द्र कुमार तिवारी ने कार्रवाई शुरू कर दी है।
ये सभी नियुक्तियां सहायता प्राप्त बालिका विद्यालयों में पूर्व जिला विद्यालय निरीक्षक धीरेन्द्र नाथ सिंह के कार्यकाल में तीन साल पहले की गई थीं।
पद समाप्त होने के बाद नियुक्त किए थे शिक्षक
लखनऊ : राजधानी के सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में कार्यरत 89 शिक्षकों की बर्खास्तगी का प्रस्ताव जिला विद्यालय निरीक्षक (द्वितीय) नन्द कुमार से मांगा गया है। जांच में नियमों का अनदेखी कर अनियमितता करते हुए नियुक्तियां किए जाने की पुष्टि हुई है। कई विद्यालयों में शिक्षकों के पद मृत होने के बाद भी नियुक्तियां कर दी गईं।
जिला विद्यालय निरीक्षक (प्रथम) डॉ. मुकेश कुमार सिंह को इन शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन के रूप में किए गए भुगतान पर रिपोर्ट देने को कहा गया है। संयुक्त शिक्षा निदेशक सुरेन्द्र कुमार तिवारी ने बताया कि निदेशालय की ओर से इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम 1921 की धारा -16 ई(10) के तहत नियुक्तियों को निरस्त करने के आदेश दिए गए हैं। उसी के आधार पर डीआईओएस प्रथम और डीआईओएस द्वितीय से प्रस्ताव मांगा गया है।
नौकरी बांटने के लिए हुआ खेल : इस पूरे प्रकरण की जांच अपर शिक्षा निदेशक के स्तर पर की गई है।