लखनऊ : 89 शिक्षक भर्ती प्रकरण में शिक्षा विभाग की दोहरी नीति
Published By: Newswrap | हिन्दुस्तान टीम,लखनऊ
- एक तरफ शिक्षक व कर्मचारियों की सेवाएं निरस्त करने की कार्रवाई शुरू की, दूसरी ओर उच्च अधिकारी के आदेश पर दिया गया वेतन
शहर के सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में 89 शिक्षक भर्ती प्रकरण में माध्यमिक शिक्षा विभाग के स्तर पर भी दोहरी नीति अपनाई जा रही है। एक तरफ इन सभी शिक्षक और कर्मचारियों की नियुक्तियों को अनियमित /अवैधानिक बनाकर समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू की गई हैं। इनको दिए गए वेतन की रिकवरी के आदेश दिए गए हैं। वहीं, दूसरी ओर एक उच्च अधिकारी के लिखित आदेश पर इस माह का वेतन जारी कर दिया गया है। माध्यमिक शिक्षा विभाग की इस दोहरी नीति पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
उधर, निदेशक विनय कुमार पाण्डेय का कहना है कि चूंकि, वर्तमान में यह सभी शिक्षक सेवा में हैं। इसलिए, इनका वेतन दिए जाने के निर्देश दिए गए। संयुक्त शिक्षा निदेशक ने सेवाएं समाप्त करने की कार्रवाई शुरू की है।
बता दें, पूर्व जिला विद्यालय निरीक्षक द्वितीय डीएन सिंह के कार्यकाल में गई 89 शिक्षक व कर्मचारियों की भर्ती को अनियमित घोषित किया गया है। विभागीय स्तर पर की गई एक जांच के बाद इन नियुक्तियों को निरस्त करने की कार्रवाई शुरू की गई। संयुक्त शिक्षा निदेशक सुरेन्द्र कुमार तिवारी ने जिला विद्यालय निरीक्षक द्वितीय नन्द कुमार ने इसका सेवाएं निरस्त करने का प्रस्ताव मांगा है। वहीं, जिला विद्यालय निरीक्षक प्रथम डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने इनको दिए गए वेतन की रिकवरी के संबंध में सूचनाएं मांगी गई हैं। इसी बीच एक उच्च अधिकारी का एक पत्र सामने आया है जिसमें, जिला विद्यालय निरीक्षक को इनका वेतन जारी करने के आदेश दिए गए हैं। इसी के आधार पर इस बार वेतन जारी किया गया है।