प्रयागराज : कोरोना, मनमाने मूल्यांकन से फिरा मेधावियों की उम्मीदों पर पानी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, प्रयागराज हाईस्कूल एवं इंटर परीक्षा का यूपी बोर्ड की ओर से जारी परिणाम के बाद अधिकांश शिक्षकों का कहना है कि कोरोना संकट के कारण उत्तर पुस्तिकाओं की मनमाने तरीके से हुए मूल्यांकन से मेधावी छात्रों का नुकसान हुआ। उनका मानना है कि सरकार ने कोरोना संक्रमण के समय शिक्षकों पर दबाव बनाकर मूल्यांकन तो पूरा करवा दिया परंतु इसकी निगरानी नहीं हुई।इस कारण से परीक्षकों ने सभी परीक्षार्थियों को औसत अंक दे दिए। गणित के शिक्षक संजय सिंह, कंप्यूटर सांइस के विश्वनाथ मिश्र, समाजशास्त्र के शिक्षक अजीत सिंह का कहना है कि यूपी बोर्ड परीक्षा के विभिन्न विषयों में औसत अंक दिए जाने से मेधावी छात्रों की उम्मीदों पर पानी फिर गया, वहीं मध्यम दर्जे के छात्रों को इससे अच्छे अंक मिल गए।
उन्हें अनुमान से अधिक अंक मिले, जबकि मेधावियों को 10 से 15 अंक कम मिले। सीएवी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. टीसी पाठक का कहना है कि यदि सही मूल्यांकन हुआ होता तो उनके विद्यालय की दसवीं की छात्रा अवंतिका को प्रदेश के साथ जिले की मेरिट में जगह मिलना तय था। अंकों की बाजीगरी के शिकार हुए छात्रों के विद्यालयों के प्रधानाचार्यों का कहना है कि मॉडरेशन के चलते भी बच्चों को कम अंक मिले। बच्चों पर औसत का कानून लगने से उनका नुकसान हुआ।