प्रयागराज : नहीं हुई कोरोना जांच, खुलेगा इलाहाबाद विश्वविद्यालय
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, प्रयागराज इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) के कुलपति समेत तकरीबन दर्जन भर शिक्षकों, अफसरों एवं कर्मचारियों की कोविड-19 जांच रविवार को नहीं हो सकेगी। अब सोमवार को उनकी जांच के लिए नमूने लिए जाएंगे। इसके साथ ही कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच सोमवार से इलाहाबाद विश्वविद्यालय एवं संघठक महाविद्यालय भी खुलने जा रहे हैं।हालांकि विश्वविद्यालय और कॉलेजों में केवल शिक्षकों को आना है। शिक्षण स्थगित रहेगा और कक्षाएं बंद रहेंगी। इविवि में दो शिक्षकों के कोरोना पॉजिटव पाए जाने के बाद हड़कंप की स्थिति है। दोनों शिक्षकों के संपर्क में आए कुलपति, रजिस्ट्रार, परीक्षा नियंत्रक, डीएसडब्ल्यू, वित्त अधिकारी समेत एक दर्जन शिक्षकों एवं कर्मचारियों की रविवार को जांच होनी थी।अब यह जांच सोमवार को होगी। इसके साथ ही सोमवार को इविवि और सभी संघटक महाविद्यालयों में गर्मी की छुट्टियां पूरी हो जाएंगी। ऐसे में शिक्षकों को भी आना होगा। गनीमत है कि शिक्षण कार्य स्थगित रहेगा और विश्वविद्यालय एवं कॉलेजों में भीड़ नहीं होगी।इविवि एवं संघटक कॉलेजों में एक माह पूर्व गर्मी की छुट्टी घोषित की गई थी। इस दौरान विश्वविद्यालय में कुलपति समेत सभी प्रशासनिक अफसरों के कार्यालय खुले हुए थे। इसके साथ ही डीन, विभागाध्यक्षों के कार्यालय भी खोल दिए गए थे। केंद्रीय पुस्तकालय का दफ्तर खुला था।इस दौरान कोरोना संक्रमिक पाए गए विान संकाय के एक विभागाध्यक्ष और लाइब्रेरियन नियमित रूप से विश्वविद्यालय आते रहे और इनके अन्य अफसरों एवं शिक्षकों से संपर्क में आने के कारण विश्वविद्यालय में संक्रमण का खतरा बढ़ गया। इनके संपर्क में आए अफसरों को जांच रिपोर्ट आने तक क्वारंटीन रहना होगा। ऐसे में सोमवार को विश्वविद्यालय खुलने पर कई अफसरों के दफ्तर खाली रहेंगे।
इविवि, कॉलेज खोलने पर हो पुनर्विचार
इलाहाबाद विश्वविद्यालय संबद्ध महाविद्यालय शिक्षक संघ (ऑक्टा) कार्यकारिणी की हुई आपात बैठक में मांग की गई है कि कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए नई परिस्थितियों में विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों को खोलने पर पुनर्विचार किया जाए।ऑक्टा की बैठक में कहा गया कि कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए वर्तमान में न तो कक्षाएं चल रही हैं और न ही परीक्षाएं हैं। ऐसे में अनावश्यक विभागों में सिर्फ बैठने या उपस्थिति दर्ज कराने का कोई मतलब नहीं है। अगर इविवि एवं कॉलेजों को खोलना अनिवार्य हो तो प्रतिदिन की उपस्थिति अनिवार्य न की जाए।सिर्फ आवश्यकता पडने पर ही शिक्षकों को बुलाया जाए। अगर घर से कार्य करना संभव हो तो शिक्षकों से भी घर से काम लिया जाए। महाविद्यालयों और विभागों का सही तरीके से सैनिटाइजेशन कराया जाए। बीमार एवं वरिष्ठ अध्यापकों को अपरिहार्य परिस्थितियों में ही महाविद्यालय बुलाया जाए। साथ ही महाविद्यालयों के शिक्षकों एवं कर्मचारियों के लिए भी डॉक्टर की व्यवस्था हो।