लखनऊ : फर्जी टीचर केस में असली-नकली का खेल, सामने आईं दो 'अनामिका', अब भी आठ की तलाश
Published By: Amit Gupta | हिन्दुस्तान टीम,लखनऊ
अनामिका शुक्ला के नाम पर यूपी के कई जिलों में फर्जी तरीके से नौकरी करने के मामले में रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। यह मामला सबसे पहले बागपत के बड़ौत में पकड़ में आया। जांच हुई तो पता चला कि ऐसा खेल तो कई जिलों में चल रहा है। इसके बाद शुरू हुई अनामिका शुक्ला की तलाश। अब तक दो अनामिका सामने आ चुकी है, बाकी की तलाश की जा रही है। वैसे जब सभी अधिकारी यह कह रहे हैं उन्होंने सत्यापन के बाद ही अनामिका को नौकरी दी तो अब बड़ा सवाल यह है कि कौन अनामिका असली है और कौन नकली।
भले ही केस का खुलासा सबसे पहले बागपत में हुआ तो लेकिन कासगंज में सबसे पहली अनामिका शुक्ला पुलिस के हाथ लगी। यहां प्रिया नाम की लड़की अनामिका बनकर नौकरी कर रही थी। जैसे ही मामला मीडिया की सुर्खियों में आया प्रिया बीएसए आफिस इस्तीफा देने पहुंच गई। अधिकारियों को शक हुआ और पुलिस बुला ली गई। जांच में पहले तो यही पता चला कि यही अनामिका शुक्ला है। लेकिन कड़ी पूछताछ के बाद खुलासा हुआ कि यह तो प्रिया है। मंगलवार दोपहर प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री डॉक्टर सतीश द्विवेदी ने पत्रकारों को बताया कि अभी असली अनामिका नहीं मिली है। इधर शिक्षा मंत्री की पत्रकार वार्ता खत्म हुई उधर गोंडा के बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में एक अनामिका शुक्ला नाम की महिला पहुंची। उसका दावा है कि वहीं असली अनामिका है और उसके ही शैक्षिक प्रमाण पत्रों के आधार पर यूपी के बाकी जिलों में फर्जी तरीके से नौकरी की जा रही है। गोंडा की इस अनामिका के मुताबिक इसने आजतक नौकरीही नहीं की। वह तो बेरोजगार है। इस अनामिका के दावे के बाद से अधिकारियों में हड़कंप मच गया, क्योंकि ऐसे में अब शिक्षिकाओं के चयन समिति पर सवाल खड़े हो गए।
बाकी आठ अनामिका की अभी तलाश :
कासगंज में नौकरी अपने वाली प्रिया और गोंडा की अनामिका के सामने आने के बाद अब बाकी जिलों में फर्जी नाम से नौकरी कर रही अनामिका की तलाश जारी है। अधिकारियों के मुताबिक बड़ौत के बागपत में जांच हुई तो सामने आया कि इस नाम की शिक्षिका वाराणसी, कासगंज, अलीगढ़, रायबरेली, प्रयागराज, सहारनपुर, अमेठी और अम्बेडकर नगर में भी हैं। कासगंज के अलावा बाकी आठ जिलों में नौकरी करने वाली अनामिका की तलाश जारी है।
अमेठी के अधिकारियाें का दावा अनामिका रोज आती थी नौकरी करने : अमेठी में पड़ताल करने पर पता चला कि अनामिका द्वारा जिले में दिए गए सारे प्रमाण पत्र सत्य पाए गए थे। मसलन हाईस्कूल से लेकर सभी सर्टिफिकेट व निवास प्रमाण पत्र के साथ ही आधार कार्ड भी सत्यापन में सही पाया गया। इतना ही नहीं वह डयूटी पर भी आती थी और हस्ताक्षर भी करती थी। अनामिका प्रकरण के बाद बीएसए अमेठी ने सभी केजीबीवी कार्मिकों की जांच के आदेश दिए हैं। बुधवार व शुक्रवार को सभी को कार्यालय में अपने मूल प्रमाण पत्रों के साथ उपस्थित होने को कहा गया है।