प्रयागराज : अनामिका के नाम से नौकरी कर रही थी फर्रुखाबाद की रीना
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, प्रयागराज 25 जिलों में नौकरी करने वाली शिक्षिका अनामिका शुक्ला के नाम पर जिले में फर्रुखाबाद की रीना सिंह नौकरी कर रही थी।शिक्षा विभाग की जांच पड़ताल में सामने आया है कि रीना कायमगंज की रहने वाली है। अन्य जिलों में खुलासे के बाद जब जांच की गई तो आवेदन में लगे निवास प्रमाणपत्र के सत्यापन के बाद यहां भी फर्जीवाड़े की बात सामने आ गई। सोरांव स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में जिस अनामिका के नाम पर नियुक्ति हुई, दस्तावेजों के मुताबिक वह गोंडा की रहने वाली सुभाष शुक्ला की बेटी है। आवेदन में लगे दस्तावेजों से पता चला कि अनामिका ने 10वीं से लेकर बीएड तक सभी परीक्षाएं प्रथम श्रेणी में पास कीं। अन्य जिलों में फर्जीवाड़े की बात सामने आने पर यहां भी जांच कराई गई तो चौंकाने वाले खुलासे हुए।पता चला कि अनामिका शुक्ला के नाम से सोरांव के कस्तूरबा विद्यालय में शिक्षिका कार्यरत है। उसके आवेदन की जांच के क्रम में पता चला कि इसमें शैक्षिक दस्तावेज तो अनामिका के हैं लेकिन निवास प्रमाणपत्र रीना पुत्री चंद्रभान सिंह का है। जो न सिर्फ विद्यालय में विज्ञान शिक्षिका के तौर पर नौकरी करती रही बल्कि यहां रहती भी थी। उसकी नियुक्ति 22 हजार रुपये प्रतिमाह के भत्ते पर हुई थी।
हर कदम पर लापरवाही
वैसे मामले में शिक्षा विभाग से जुड़े अफसरों की बड़ी लापरवाही भी सामने आई है। जिस तरह से यह पूरा फर्जीवाड़ा किया गया, उससे साफ है कि दस्तावेजों के सत्यापन में गंभीरता बरती जाती तो शायद यह खेल पहले ही पकड़ लिया जाता। आवेदन के वक्त ही निवास प्रमाणपत्र की जांच करा ली जाती तो सच्चाई सामने आ जाती। इसके अलावा तहरीर में अफसरों ने यह बात खुद बताई है कि विद्यालय में कार्यभार ग्रहण करते वक्त अनामिका शुक्ला की ओर से मूल शैक्षिक दस्तावेज नहीं प्रस्तुत किए गए। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर इस दशा में नियुक्ति पत्र कैसे जारी किया गया। साथ ही शिक्षिका को कार्यभार ग्रहण किसकी अनुमति से कराया गया।