लखनऊ : फर्जी शिक्षकों की जांच के लिए जिला स्तरीय समिति का पुनर्गठन जांच पूरी कर मांगी गई रिपोर्ट
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच की घोषणा के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने जिला स्तर पर समिति में बेसिक शिक्षा अधिकारी को शामिल करते हुए सत्यापन के आदेश दिए हैं। अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने 2018 में जारी आदेश में संशोधन करते हुए मंडलीय शिक्षा निदेशक की जगह बेसिक शिक्षा अधिकारी को समिति का सदस्य सचिव बनाया है और जल्द ही जांच पूरी कर रिपोर्ट भेजने के आदेश दिए हैं।
जुलाई 2018 में अपर जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया था। इसमें अपर पुलिस अधीक्षक व मंडलीय शिक्षा निदेशक सदस्य थे। आदेश के मुताबिक, मंडलीय शिक्षा निदेशक के मौजूद न रहने के कारण बैठके नहीं हो पाईं। लिहाजा अब बीएसए इसके सदस्य सचिव होंगे। बाकी व्यवस्थाएं पूर्ववत यानी 2018 के आदेश के मुताबिक रहेंगे। मथुरा में 12460 शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच के समय तत्कालीन अपर मुख्य सचिव प्रभात कुमार ने आदेश जारी कर एक महीने में रिपोर्ट मांगी थी।
*इसमें जांचा जाएगा*
- चयन वर्ष में प्रकाशित मेरिट लिस्ट से मिलान होगा कि वर्तमान में जो शिक्षक हैं, वे वही हैं जिनके नाम चयन सूची में थे।
- ऐसे शिक्षक जिन्होंने जिन्होंने नियुक्ति पत्र सीधे कार्यालय जाकर लिया था। नियुक्ति पत्र रजिस्टर्ड डाक से भेजने का नियम है।
- चयनित अभ्यर्थी उस समय रेखांकित पात्रता को पूरा करता है या नहीं?
- कोषागार के माध्यम से वेतन सूची भी देखी जाएगी जो शिक्षक वेतन ले रहे हैं क्या वे वही हैं जिनका नाम चयन सूची में था?
- जो शिक्षक चयनित हुए हैं क्यों उन्होंने इसके लिए कोई आवेदन किया था या नहीं?