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आगरा : फीस ना मिलने पर ऑनलाइन-ऑंफलाइन पढ़ाई नहीं संभव, अभिभावक कहेंगे, सरकार समस्या समझेगी तभी खुलेंगे स्कूल, आगरा में निजी कान्वेंट स्कूलों ने फीस न मिलने तक बन्द की पढ़ाई

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आगरा : फीस ना मिलने पर ऑनलाइन-ऑंफलाइन पढ़ाई नहीं संभव, अभिभावक कहेंगे, सरकार समस्या समझेगी तभी खुलेंगे स्कूल, आगरा में निजी कान्वेंट स्कूलों ने फीस न मिलने तक बन्द की पढ़ाई


समस्या
ताजनगरी के कॉन्वेंट स्कूल अब अभिभावकों की सहमति पर ही खुलेंगे। साथ ही स्कूलों की समस्याओं को जब तक सरकार नहीं समझेगी। तब तक भी स्कूलों में पढ़ाई शुरू नहीं कराई जाएगी। शहर के प्रमुख सीबीएसई और सीआईएससीई स्कूलों के संगठन एसोसिएशन ऑफ प्रोग्रेसिव स्कूल ऑफ आगरा (अप्सा) ने यह फैसला लिया है। साथ ही स्कूल खुलने के बाद सेनेटाइजेशन का जिम्मा भी प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को लेना होगा। अप्सा ने सरकार द्वारा ‘पात्र-सक्षम माता-पिता' की परिभाषा को परिभाषित करने की मांग भी की है, ताकि उस श्रेणी में आने वाले अभिभावकों से फीस मिल सके।



अप्सा अध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता के अनुसार देशभर में लगभग 2 करोड़ शिक्षक 5 लाख निजी स्कूलों में कार्यरत हैं। इन शिक्षकों ने लॉकडाउन के दौरान अपनी जिम्मेदारी समझी। छात्रों के शिक्षण की निरंतरता बनी रहे एवं उनकी पढ़ाई की प्रक्रिया बाधित न हो, इसके लिए ऑनलाइन व लाइव कक्षाएं लीं। साथ ही विषय संबंधित असाइनमेंट, वर्कशीट, नोट्स आदि भी ऑंनलाइन भेजे। विद्यार्थियों को घर से ही ऑनलाइन टेस्ट, हॉली-डे होमवर्क, समरकैंप आदि गतिविधियों से जोड़े रखा। डॉ. गुप्ता के अनुसार केंद्र व राज्य शासित कार्यालयों के सभी कर्मचारियों, सरकारी शिक्षकों, विधायकों, सांसदों को पूरा वेतन मिला है। इनमें से ज्यादातर के बच्चे निजी विद्यालयों में पढ़ रहे हैं। अगर सभी को वेतन पूरा मिला है, तो स्कूलों को फीस देने में क्या समस्या है। फीस मांगने पर स्कूल प्रबंधन के प्रति उत्पीड़न का आरोप लगाते हैं। क्या यह उचित है?

19 Jun 2020
मांग
● सरकार अभिभावकों को फीस का भुगतान करने के दे निर्देश
● फीस ना मिलने पर ऑनलाइन-ऑंफलाइन पढ़ाई नहीं संभव

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