प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) में स्थायी कुलपति की नियुक्ति के लिए गठित सर्च कमेटी में प्रोफेसर सीएल खेत्रपाल का नाम शामिल किए जाने का विरोध फिर तेज हो गया है। राज्यसभा सदस्य कुंवर रेवती रमण सिंह ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) को पत्र लिखा है। उन्होंने प्रो. खेत्रपाल पर तमाम तरह के आरोप लगाते हुए यह आशंका जताई है कि कमेटी में उनके रहने से निष्पक्ष कुलपति का चयन नहीं हो सकेगा।
*राज्यसभा सांसद ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय को लिखा पत्र*
राज्यसभा सदस्य ने मंत्रालय को भेजे गए पत्र में कहा कि प्रोफेसर खेत्रपाल इविवि के कुलपति रह चुके हैं। एक मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रो. खेत्रपाल की कार्यप्रणाली से नाराज होकर उन पर 50 हजार का अर्थदंड लगाया था। इसके अलावा उनके कार्यकाल के दौरान नियुक्ति को अवैध करार देते हुए हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया था। वर्तमान में भी एक मामला हाइकोर्ट में विचाराधीन है।
इविवि को नहीं मिल पाएगा स्वच्छ छवि वाला कुलपति
कमेटी में उनके शामिल होने से इविवि को स्वच्छ छवि वाला कुलपति नहीं मिल सकेगा। इस तरह के आरोप पूर्व में इलाहाबाद विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (आटा) के अध्यक्ष इलाहबाद विश्वविदयालय के प्रो. राम सेवक दुबे भी लगा चुके हैं। हालांकि, इस संदर्भ में प्रो. खेत्रपाल का कहना है कि आरोपों की जांच होनी चाहिए। इससे खुद ही स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।