बस्ती : परिषदीय शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की दोबारा होगी जांच, तीन सदस्यीय जिला स्तरीय कमेटी करेगी पड़ता
बस्ती। शासन ने परिषदीय विद्यालय के फर्जी शिक्षकों पर नकेल कसने की तैयारी कर ली है। इनका सत्यापन चरणबद्ध तरीके से कराने का निर्णय लिया गया है। अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा रेणुका कुमार ने सूबे के सभी जिलाधिकारियों को निर्देेेशित किया है कि नियम विरुद्ध या फर्जी नियुक्तियों की जांच तीन सदस्यीय जिला स्तरीय कमेटी बनाकर कराई जाए।जुलाई-2018 में अपर जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया था। इसमें अपर पुलिस अधीक्षक व मंडलीय शिक्षा निदेशक सदस्य थे। आदेश के मुताबिक मंडलीय शिक्षा निदेशक के मौजूद न रहने के कारण बैठकें नहीं हो पाईं। अब बीएसए इसके सदस्य सचिव होंगे।संदिग्ध शिक्षकों के प्रमाण पत्रों का सत्यापन संबंधित बोर्ड या विश्वविद्यालय से दोबारा कराया जाएगा। बायोमैट्रिक हाजिरी से उपस्थिति भी दर्ज कराई जाएगी। इस पर काम भी शुरू हो गया है। परिषदीय विद्यालय में फर्जीवाड़ा को तीन तरीके से अंजाम दिया जाता है। पहले फर्जी प्रमाण पत्रों पर नौकरी हासिल करना, दूसरे में किसी अन्य के प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी हासिल कर लेना और तीसरा नौकरी किसी और की पढ़ता कोई और है। मानव संपदा पोर्टल पर शिक्षकों की सर्विस बुक व अन्य प्रमाण पत्र अपलोड हो जाने से फर्जी शिक्षकों की शामत आ जाएगी।जिले में 99 फीसदी शिक्षकों के प्रमाण पत्र अपलोड कर दिए गए हैं। जांच कराने के बाद डाटा में कोई गड़बड़ी पाई जाएगी तो जिम्मेदारी शिक्षक की होगी। जिले में फर्जी प्रमाण पत्र से नौकरी करने वाले सात फर्जी शिक्षक पहले ही बर्खास्त किए जा चुके हैं। बीएसए अरुण कुमार ने बताया कि शिक्षकों, शिक्षामित्रों और अनुदेशकों का प्रमाण पत्र पोर्टल पर अपलोड किए जा चुके हैं। इसके बाद संदिग्ध शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच कराई जाएगी। फर्जी शिक्षक पकड़े जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।