लखनऊ : एक जुलाई से सरकारी प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों का प्रशिक्षण शुरू होगा, लर्निंग आउटकम का रिजल्ट अभिभावकों तक पहुंचाने के निर्देश
विशेष संवाददाता-राज्य मुख्यालय एक जुलाई से शिक्षकों को दीक्षा ऐप के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जाए। संबंधित खण्ड शिक्षा अधिकारी 25-25 शिक्षकों का बैच बनाकर ऑनलाइन प्रशिक्षण आयोजित करें और रोज दो बैचों में प्रशिक्षण का आयोजन करें। ये निर्देश बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. सतीश चन्द्र द्विवेदी ने समीक्षा बैठक के दौरान दिए। उन्होंने यूनिफार्म व पाठ्य पुस्तकों का वितरण जुलाई तक पूरा करने के निर्देश भी दिए। समग्र शिक्षा अभियान की समीक्षा बैठक करते हुए उन्होंने कहा कि हर अभिभावक तक लर्निंग आउटकम की परीक्षा का रिजल्ट पहुंचाया जाए। वहीं उन्होंने पूरा बजट समयबद्ध तरीके से खर्च करने के निर्देश देते हुए कहा कि दिव्यांग बच्चों की शतप्रतिशत ट्रैकिंग की जाए और उन्हें स्कूलों से जोड़ा जाए। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने कहा कि विद्यालय प्रबन्ध समिति स्तर तक धनराशि के भुगतान की प्रकिया को पारदर्शी बनाने के लिए पीएफएमएस प्रणाली लागू की जानी है। इसका पायलट लखनऊ में हो चुका है। इसमें 1,64,000 इम्प्लीमेटिंग एजेन्सियों का पंजीकरण भी हो चुका है। श्री द्विवेदी ने जानकारी दी कि उत्तर प्रदेश देश का ऐसा अग्रणी राज्य बन गया है, जिसके अकादमिक रिसोर्स समूहों ने कक्षा 1-5 के लिए 20,000 शिक्षण-योजनाएं शैक्षिक संसाधन के रूप में तैयार की हैं। पिछले 6 हफ्तों से सभी जिलों ने अपने-अपने लक्ष्यों को हासिल करने का भरसक प्रयास किया है, जिसमें बुलंदशहर, बाराबंकी, बिजनौर, हापुड़ और शाहजहांपुर की टीम ने लक्ष्यों से आगे बढ़कर काम किया है। उन्होंने कहा कि विभाग की योजना है एक छोटा अकादमिक समूह बनाकर प्रत्येक पाठ की तीन सर्वश्रेष्ठ शिक्षण योजनाओं को संकलित किया जाएगा और उन्हें 9000 से अधिक न्याय पंचायत स्तर के शिक्षकों को व्हाट्सएप टीचर र्कानर के नाम से उपलब्ध कराया जाएगा और कुछ शिक्षण योजनाओं को बुकलेट के रूप में प्रिन्ट कराया जाएगा। बैठक में महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनन्द, विशेष सचिव डीपी सिंह आनन्द कुमार सिंह, अपर राज्य परियोजना निदेशक सत्येन्द्र कुमार सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।