प्रयागराज : डिग्री कॉलेजों में प्राचार्यों की नियुक्ति के विज्ञापन को चुनौती
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, प्रयागराज प्रदेश के स्नातक और परास्नातक डिग्री कॉलेजों में प्राचार्यों के 290 पदों पर नियुक्ति के लिए उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा चयन आयोग द्वारा जारी विज्ञापन को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। याचिका दाखिल कर दो मार्च 2019 को जारी विज्ञापन के तहत यूजीसी के नए रेग्युलेशन से परीक्षा कराने की मांग की गई है। डा. हेमप्रकाश और अन्य की ओर से दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने प्रदेश सरकार और आयोग से एक सप्ताह में जानकारी मांगी है।याचिका पर सात जुलाई को अगली सुनवाई होगी। याचीगण के अधिवक्ता सीमांत सिंह के मुताबिक यूपी हायर एजूकेशन सेलेक्शन कमीशन ने यूजी और पीजी कॉलेजों में प्राचार्यों के 290 पदों पर नियुक्ति के लिए दो मार्च 2019 को विज्ञापन जारी किया था। चयन परीक्षा यूजीसी के 2010 के रेग्युलेशन पर होनी थी। इसके तहत आवेदन करने वाले अभ्यर्थी का शैक्षिक प्रदर्शक सूचकांक (एपीआई) 400 अंक और वर्कशाप, सेमिनार और प्रकाशन आदि की अर्हता निर्धारित की गई। आवेदन करने की अंतिम तारीख 18 जून 2019 और एपीआई सूचकांक जमा करने की अंतिम तारीख 18 जुलाई 2019 थी। 18 जुलाई को ही यूजीसी ने अपने रेग्युलेशन में बदलाव करते हुए 2018 का रेग्युलेशन लागू कर दिया। नए रेग्युलेशन ने 2010 में जारी रेग्युलेशन का अतिक्रमण कर लिया। इसमें आवेदन की अर्हताएं बदल गई। इस रेग्युलेशन में अभ्यर्थी का एपीआई स्कोर 110 अंक और कम से कम 10 रिसर्च पब्लिकेशन यूजीसी से संबद्ध जर्नल में होने चाहिए।
राज्य सरकार ने 28 जुलाई 2019 के शासनादेश से नया रेग्युलेशन स्वीकार कर लिया। अधिवक्ता का कहना था कि जब परीक्षा होने से पूर्व नया रेग्युलेशन लागू हो चुका है तो 2010 के रेग्युलेशन पर परीक्षा कराने का कोई औचित्य नहीं है। इसके बावजूद आयोग पुराने रेग्युलेशन पर परीक्षा करा रहा है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद राज्य सरकार और आयोग से एक सप्ताह में जानकारी मांगी है।