प्रयागराज : कस्तूरबा फर्जीवाड़ा में फोटोकॉपी पर नियुक्ति देने वाले अफसर कार्रवाई से दूर
प्रयागराज : कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में नियुक्ति पाने वाली अनामिकाओं, उनके शैक्षिक रिकार्ड आदि को बेसिक शिक्षा विभाग खंगाल रहा है। जिलों में इस संबंध में एफआईआर कराई जा चुकी है, वहाँ के अफसरों ने मूल रिकार्ड की जगह फोटो कॉपी पर ही तैनाती दे डाली। मंडलीय सहायक शिक्षा बेसिक ने जांच रिपोर्ट में इसका उल्लेख भी किया है। जबकि शासन के स्पष्ट निर्देश हैं कि किसी पद पर चयनित को भुगतान भी किया जाएगा, जब उसके शैक्षिक अभिलेखों की जांच कर ली जाए। आखिर नियुक्ति करने के जिम्मेदार लोगों ने नियम की अनदेखी क्यों की?
चर्चा है कि एक अभ्यर्थी इतने जिलों में नियुक्ति नहीं पा सकता, इसके पीछे रैकेट का हाथ है। शिक्षकों के डाटा फीडिंग में मामला खुला। रायबरेली जिले ने अनामिका को नोटिस जारी की। अहम बात यह है कि पूर्व बेसिक शिक्षा अधिकारी को पदोन्नति मिल चुकी है और वह लखनऊ मंडल में ही अहम ओहदे पर हैं।
2010 के बाद नियुक्त पाने वालों की जांच के आदेश: बेसिक शिक्षा के पूर्व अपर मुख्य सचिव और इस समय उप्र लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष डा. प्रभात कुमार ने आदेश दिया था कि 2010 के बाद विभाग में नियुक्ति पाने वालों की जांच की जाए। इसमें बड़े पैमाने पर कार्यरत शिक्षकों को हटाया गया और कई के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज है। जिम्मेदार अफसर अनामिका आदि के मामले में इस आदेश पर गंभीर नहीं हुए।