लखनऊ : हाईकोर्ट ने अभ्यर्थी को विवादित प्रश्नों पर आपत्तियों को एक सप्ताह के भीतर राज्य सरकार के सामने प्रस्तुत करने का दिया निर्देश
यूपी में 69000 सहायक शिक्षक चयन फिर लटका, हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने भर्ती प्रक्रिया पर लगाई रोक
हाईकोर्ट ने अभ्यर्थी को विवादित प्रश्नों पर आपत्तियों को एक सप्ताह के भीतर राज्य सरकार के सामने प्रस्तुत करने का दिया निर्देश
याचियों ने शिक्षक भर्ती के लिए आयोजित लिखित परीक्षा के 13 सवालों पर उठाया था सवाल
उत्तरमाला, संशोधित उत्तरमाला, परिणाम, जिला विकल्प, जिला आवंटन, कॉउंसलिंग प्रक्रिया समेत सभी प्रक्रिया हुई शून्य घोषित
लखनऊ, जेएनएन।इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने बुधवार को उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों की 69000 सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया पर अंतरिम रोक लगा दी है। हाई कोर्ट ने निर्देश दिया है कि अभ्यर्थी विवादित प्रश्नों पर आपत्तियों को एक सप्ताह के भीतर राज्य सरकार के सामने प्रस्तुत करें। राज्य सरकार इन आपत्तियों को यूजीसी के पास भेजेगी। यूजीसी इन आपत्तियों का निस्तारण करेगी। अब मामले की अगली सुनवाई 12 जुलाई को होगी।याचियों ने शिक्षक भर्ती के लिए आयोजित लिखित परीक्षा के 13 सवालों पर सवाल उठाया था। याचियों का कहना है कि बेसिक शिक्षा विभाग ने जो आंसर की जारी की है, उसमें उन सवालों के उत्तर कुछ और थे, जबकि एनसीईआरटी की किताबों में कुछ और दिया है। हाई कोर्ट ने एक जून को इस मामले में अंतरिम राहत के बिंदु पर सुनवाई कर अपना आदेश सुरक्षित कर लिया था। बुधवार को जस्टिस आलोक माथुर की बेंच ने अपना आदेश सुनाते हुए शिक्षक भर्ती पर स्टे लगा दिया है। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने आठ मई के बाद से भर्ती प्रक्रिया पर रोक दी है। इसमें उत्तरमाला, संशोधित उत्तरमाला, परिणाम, जिला विकल्प, जिला आवंटन, कॉउंसलिंग प्रक्रिया समेत सभी प्रक्रिया शून्य घोषित हो गई है।
योगी सरकार को लगा झटका :
उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों के लिए 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में चयनितों की सभी जिलों में काउंसिलिंग भी बुधवार को शुरू हो गई है। सभी जिलों में तीन से छह जून तक काउंसिलिंग के बाद संबंधित जिले से नियुक्ति पत्र भी जारी किये जाने हैं। ऐसे में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच का भर्ती प्रक्रिया पर स्टे लगाना सरकार और अभ्यर्थियों के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है। योगी सरकार नियुक्तियां पूरी करने में बहुत तत्परता दिखा रही थी। सरकार का मानना था कि इस कोरोना काल मे जल्द नियुक्तियां होने पर अनेकों अभ्यार्थियों को बहुत राहत मिलेगी।
8 मई को जारी हुई थी उत्तर कुंजी :
बता दें कि सोमवार को जस्टिस आलोक माथुर की बेंच ने इस मामले में दाखिल ऋषभ मिश्रा व अन्य समेत कई याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की थी। इस दौरान राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता ने पक्ष रखा। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से लगभग पांच घंटे चली सुनवाई के पश्चात कोर्ट ने विवादित प्रश्नों को विशेषज्ञ समिति के समक्ष भेजने व चयन प्रक्रिया रोकने के बिंदु पर आदेश सुरक्षित कर लिया था। 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में याचिकाकर्ताओं ने 8 मई को जारी उत्तर कुंजी में 13 सवालों के उत्तरों पर आपत्ति जताई है। याचियों का कहना है कि चार उत्तर तो बिल्कुल गलत हैं। उनका कहना है कि आपत्ति के संबंध में सक्षम अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई न करने पर याचिकाएं दाखिल की गई हैं।
लिखित परीक्षा के 13 सवाल बने बाधा :
परिषदीय स्कूलों के लिए 69000 सहायक अध्यापक भर्ती के मामले में सरकार को झटका लगा है। योगी सरकार नियुक्तियां पूरी करने में बहुत तत्परता दिखा रही थी। सरकार का मानना था कि इस कोरोना काल मे जल्द नियुक्तियां होने पर अनेकों अभ्यार्थियों को बहुत राहत मिलेगी। इस बीच लिखित परीक्षा में पूछे गए 13 प्रश्नों के उत्तर को लखनऊ खंडपीठ में चुनौती दी गई। शिक्षक भर्ती परीक्षा में इन सवालों के जवाब को लेकर कोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया को फिलहाल स्थगित कर दिया है।
69000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया...जानें कब क्या हुआ...
परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए 1 दिसंबर, 2018 को शासनादेश जारी।
भर्ती के लिए सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी प्रयागराज की ओर से 5 दिसंबर, 2018 को विज्ञप्ति प्रकाशित।
6 जनवरी, 2019 को लिखित परीक्षा का आयोजन।
लिखित परीक्षा के लिए 431466 अभ्यर्थियों ने कराया रजिस्ट्रेशन, परीक्षा में शामिल हुए 409530 अभ्यर्थी।
7 जनवरी, 2019 को लिखित परीक्षा के उत्तीर्ण अंक के बारे में शासनादेश जारी। परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए सामान्य वर्ग के लिए 65% और आरक्षित वर्ग के लिए 60% अंक तय किए गए।
शासनादेश को हाई कोर्ट में दी गई चुनौती।
29 मार्च, 2019 को हाई कोर्ट ने सामान्य वर्ग के लिए 45% और आरक्षित वर्ग के लिए 40% उत्तीर्ण अंक तय किया।
इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने हाई कोर्ट में विशेष अपील दाखिल की।
विशेष अपील की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने छह मई, 2020 को राज्य सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया और तीन महीने में भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया।
8 मई, 2020 को हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार लिखित परीक्षा का रिजल्ट जारी करने के बारे में शासनादेश जारी।
हाई कोर्ट के आदेशानुसार राज्य सरकार ने 12 मई, 2020 को परीक्षाफल घोषित किया, जिसमें 146060 अभ्यर्थियों ने क्वालिफाई किया।
लिखित परीक्षा के रिजल्ट के आधार पर भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए 13 मई, 2020 को शासनादेश जारी।
16 मई, 2020 को बेसिक शिक्षा परिषद को 69000 शिक्षकों की भर्ती की अनुमति देने के बारे में शासनादेश जारी।
18 मई से 28 मई 2020 तक चयनित अभ्यर्थियों से लिए गए ऑनलाइन आवेदन पत्र।
प्राप्त आवेदन पत्रों की 27 से 31 मई के बीच जांच के बाद ऑफलाइन प्रोसेसिंग कर अभ्यर्थियों को काउंसलिंग के लिए जिले आवंटित किए गए।
तीन से छह जून तक अभ्यर्थियों की जिलों में काउंसलिंग करने और उन्हें नियुक्ति पत्र आवंटित करने का कार्यक्रम तय हुआ।