लखनऊ : आपदा से बचाव व प्रबंधन को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए- मुख्यमंत्री
आकाशीय बिजली से क्षति रोकने के लिए कार्ययोजना बनाएं
प्रमुख संवाददाता- राज्य मुख्यालय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि आपदा से बचाव और प्रबंधन को बेसिक व माध्यमिक शिक्षा के पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाए। इसके साथ ही आकाशीय बिजली व आंधी-तूफान से होने वाली क्षति को न्यूनतम करने के लिए ठोस कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए हैं। पिछले सालों का डाटा एकत्रित कर जनहानि के कारणों का भी पता लगाया जाए। तकनीक के माध्यम से पूर्व में ही लोगों को एलर्ट करने की बेहतर व्यवस्था की जाए।मुख्यमंत्री ने सोमवार को सरकारी आवास पर आकाशीय बिजली व आंधी-तूफान से होने वाली क्षति को न्यूनतम करने के लिए एक्शन प्लान बनाए जाने के संबंध में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और राहत आयुक्त कार्यालय के प्रस्तुतीकरण के दौरान यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि पूर्व सूचना प्रणाली व पूर्व तैयारी के साथ, जन-धन हानि को न्यूनतम करने के लिए समन्वित रणनीति तैयार की जाए। एक व्यापक सर्वेक्षण करते हुए आकाशीय बिजली से प्रभावित होने वाले जिलों के संबंध में कार्य योजना बनाई जाए। चेतावनी व मौसम संबंधी पूर्वानुमान को जनसाधारण तक पहुंचाना अत्यंत जरूरी है।रेडियो, टीवी, मोबाइल और समाचार पत्रों आदि के माध्यम से लोगों को अवगत कराया जाए। साथ ही प्रशिक्षण की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।उन्होंने कहा कि जनजागरूकता के कार्यक्रमों को व्यापक स्तर पर चलाए जाने की जरूरत है। इससे जनसाधारण और प्रशासनिक प्रणाली, सभी को इसके लिए जागरूक किया जा सके। शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक स्तर पर पूर्वानुमान व चेतावनी के संबंध में जानकारी दिए जाने के निर्देश दिए। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग द्वारा दी जाने वाली चेतावनी को शीघ्रता के साथ सभी तक पहुंचाएं। उन्होंने कहा कि लाइटनिंग एलर्ट के संबंध में मोबाइल एप विकसित करते हुए इसके प्रयोग एवं प्रचार-प्रसार पर भी काम किया जाए।