प्रयागराज : इलाहाबाद विवि, बिना परीक्षा प्रमोशन के लिए ऑनलाइन याचिका
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, प्रयागराज इविवि के छात्रों ने बिना परीक्षा अगली कक्षा में प्रमोट किए जाने की मांग को लेकर ऑनलाइन याचिका शुरू की है। अब तक दो हजार छात्र अपने हस्ताक्षर कर समर्थन दे चुके हैं। मुख्यमंत्री योगी समेत यूपी की राज्यपाल, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय, यूजीसी और विश्वविद्यालय विजिटर यानी राष्ट्रपति को छात्रों ने अपनी मांगों से अवगत कराया है।साथ ही कहा कि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो परीक्षा का बहिष्कार करेंगे। ऑनलाइन याचिका की यह मुहिम विधि के छात्रों ने शुरू की है और इससे विवि के सभी छात्र जुड़ गए हैं। छात्रों ने परीक्षा कराए जाने के मसले पर कई गंभीर सवाल उठाए हैं और मांग की है कि पिछली परीक्षा में प्रदर्शन के आधार पर छात्रों को अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया जाए। छात्रों का कहना है कि परीक्षाएं शुरू होंगी तो सभी छात्र हॉस्टल में लौटेंगे। ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो सकेगा। हॉस्टलों में मेस का संचालन किया जाता है और वहां काम करने वाले रसोइए अलग-अलग क्षेत्रों से आते हैं। ऐसे में कोविड-19 का खतरा बना रहेगा।इसके अलावा बड़ी संख्या में छात्र डेलीगेसी छोडक़र जा चुके हैं। मकान मालिकों ने कमरों पर ताला जड़ दिया है। छात्र परीक्षा देने के लिए लौटे तो कहां जाएंगे? इविवि में बिहार, मध्य प्रदेश और पूर्वांचल से बड़ी संख्या में छात्र पढ़ते हैं। परीक्षा देने के लिए उन्हें प्रयागराज लौटना होगा और इसके लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग करना पड़ेगा, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ेगा।केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने भी 15 अगस्त तक सभी स्कूल-कॉलेज बंद रखने के निर्देश दिए हैं। इस संकट की घड़ी में अगर कोई छात्र संक्रमण का शिकार होता है तो इसके लिए इविवि प्रशासन जिम्मेदार होगा। ऐसे में छात्रों को बिना परीक्षा अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया जाना चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो छात्र परीक्षा का बहिष्कार करेंगे।
कुलपति, रजिस्ट्रार, परीक्षा नियंत्रक को भेजे ईमेल
बिना परीक्षा प्रमोट किए जाने की मांग को लेकर सैकड़ों छात्रों ने इविवि के कुलपति, रजिस्ट्रार एवं परीक्षा नियंत्रक को ईमेल भेजे हैं। इविवि में सोमवार को परीक्षा समिति की बैठक भी प्रस्तावित है, जिसमें वार्षिक एवं सेमेस्टर परीक्षाओं को लेकर कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं।सूत्रों का कहना है कि स्नातक की पाठ्यक्रमवार परीक्षा कराई जा सकती है और पहले स्नातक तृतीय वर्ष की परीक्षा कराए जाने की तैयारी है। प्रथम एवं द्वितीय वर्ष की परीक्षा को लेकर बाद में कोई निर्णय लिया जा सकता है।