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प्रयागराज : अनामिका के नाम पर नौकरी करने वाली ‘रीना’ भी निकली फर्जी

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प्रयागराज : अनामिका के नाम पर नौकरी करने वाली ‘रीना’ भी निकली फर्जी

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, प्रयागराज अनामिका शुक्ला के नाम से जिले मेें स्थित कस्तूरबा विद्यालय में नौकरी करने वाली ‘रीना सिंह’ भी फर्जी निकली। जांच में पता चला कि निवास प्रमाणपत्र में मिला यह नाम भी गलत है और दूसरे के दस्तावेजों पर नौकरी करने वाली युवती कोई और है, जो कानपुर की रहने वाली है। फिलहाल उसकी तलाश कर दी गई है पिछले दिनों प्रकरण के खुलासे के बाद जांच में सामने आया था कि सोरांव स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में भी अनामिका शुक्ला के नाम से एक शिक्षिका नौकरी कर रही है। दस्तावेजों की जांच में पता चला कि शिक्षिका ने बिना मूल शैक्षिक प्रमाणपत्र दिखाए ही कार्यभार ग्रहण कर लिया।फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद बीएसए संजय कुशवाहा की तहरीर पर कर्नलगंज थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। शिक्षा विभाग के अफसरों की ओर से पुलिस को दी गई तहरीर में यह भी बताया गया कि नौकरी करने वाली शिक्षिका ने शैक्षिक दस्तावेज तो अनामिका के लगाए थे लेकिन उसने जो निवास प्रमाणपत्र दिया, वह किसी रीना पुत्री चंद्रभान सिंह के नाम से था, जो फर्रुखाबाद की रहने वाली है।इसी आधार पर माना गया कि अनामिका के नाम पर नौकरी करने वाली फर्रुखाबाद की रीना है। हालांकि जांच आगे बढ़ी तो चौंकाने वाली बात सामने आई। पता चला कि जाली दस्तावेजों पर नौकरी करने वाली शिक्षिका रीना भी नहीं है और उसका नाम सरिता है, जो कानपुर की रहने वाली है। जिसके बाद पुलिस ने उसकी तलाश तेज कर दी है। मामले में कर्नलगंज पुलिस का कहना है कि शिक्षिका की तलाश की जा रही है। 

सरगना पुष्पेंद्र ने उपलब्ध कराए थे दस्तावेज

जांच मेें यह बात भी सामने आई है कि सोरांव स्थित विद्यालय में नौकरी करने वाली शिक्षिका इस पूरे खेल के सरगना मैनपुरी निवासी पुष्पेंद्र सिंह के भी संपर्क में थी। सूत्रों के मुताबिक, पुष्पेंद्र को अनामिका शुक्ला के दस्तावेज उसके साथी हरदोई बीएसए कार्यालय के लिपिक रामनाथ ने उपलब्ध कराए। रामनाथ को यह दस्तावेज जौनपुर में जिला समन्वयक अधिकारी आनंद सिंह ने दिए थे।जिला समन्वयक अधिकारी होने के नाते आवेदन करने वालों के शैक्षिक दस्तावेजों की प्रतियां उसके कब्जे में होती थी और इसी का फायदा उठाकर वह उसे अपने साथी को उपलब्ध कराता था जो इसके सहारे फर्जीवाड़ा करते थे। बता दें कि पुष्पेंद्र समेत तीनों आरोपियों को एसटीएफ गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।

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