लखनऊ : अब डीएम की संस्तुति के बाद ही पोषाहार की आपूर्ति के आदेश, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग में व्यवस्था सुधारने की कवायद शुरू
लखनऊ। बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग में पोषाहार आपूर्ति की व्यवस्था सुधारने की कवायद शुरू हो गई है। राज्य सरकार ने तय किया है कि लाभार्थियों (6 माह से 6 साल के बच्चे और गर्भवती व धात्री माताओं) की वास्तविक संख्या के आधार पर हर महीने पोषाहार के आपूर्ति आदेश (डीआई) जारी की जाएगी। इतना ही नहीं, आदेश जारी करने से पहले संबंधित जिले के डीएम के स्तर से आपूर्ति की मांग का सत्यापन व अनुमोदन भी किया जाएगा। इससे जरूरत से ज्यादा पोषाहार की आपूर्ति दिखाकर हो रहे खेल पर लगाम लगेगी।
बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग काफी दिनों से पोषाहार आपूर्ति व्यवस्था में गड़बड़ी को लेकर सुर्खियों में रहा है। इस मामले में एक के बाद एक नए खुलासे को सरकार ने गंभीरता से लिया। प्रमुख सचिव व निदेशक को पद से हटाने के साथ ही निदेशालय में पंजीरी सिंडिकेट की सबसे प्रमुख कड़ी रहीं डीपीओ कल्पना पांडेय को निलंबित कर दिया गया था। सारिका मोहन ने सबसे पहले वर्षों से निदेशालय में अब विभागीय कार्यभार पोषाहार आपूर्ति की व्यवस्था को अधिकारियों और बाबुओं को संभालने के बाद प्रमुख सचिव एस पारदर्शी बनाने की कवायद शुरू काकस को खत्म करने की राधा चौहान और निदेशक डॉ. कर दी है। दोनों अधिकारियों ने कार्यवाही शुरू कर दी है।