शिक्षामित्रों को जून का मानदेय नहीं लेकिन ड्यूटी लगी
कोविड 19 संक्रमण के राहत कार्यों में लगातार लग रही शिक्षामित्रों की ड्यूटी
विशेष संवाददाता-राज्य मुख्यालय कोविड 19 संक्रमण में शिक्षा मित्रों की कहीं राशन बांटने में तो कहीं क्वारंटीन सेंटर तो कहीं अन्य कामों में ड्यूटी लगाई जा रही है लेकिन नियमानुसार शिक्षामित्र जून में काम नहीं करते हैं यानी उन्हें जून का मानदेय नहीं मिलता है। लिहाजा शिक्षामित्रों ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि उन्हें जून का भी मानदेय दिया जाए। प्रदेश में 1.60 लाख शिक्षामित्र कार्यरत हैं और इन्हें संविदा के मुताबिक 11 महीने का ही मानदेय दिया जाता है। चूंकि स्कूल बंद थे तो मार्च में लॉकडाउन शुरू होने पर जिलों में राहत कार्यों में इनकी ड्यूटी लगातार लगाई जा रही थी लेकिन अब जून शुरू हो चुका है तो शिक्षामित्रों ने मानदेय की मांग की है।श्रावस्ती, महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, बलरामपुर, सहारनपुर, मुजफ्फर नगर, बरेली, बिजनौर, बनारस, प्रयागराज, अयोध्या समेत कई जिलों में शिक्षामित्रों को क्वारंटीन सेंटर, राशन बांटने और प्रवासी श्रमिकों की गांव वापसी पर उनके ब्यौरा जुटाने में लगाई गई है। प्रवासी श्रमिकों के घर जाकर वे उनका आधार नंबर और बैंक खातों का ब्यौरा जुटा रहे हैं। वहीं क्वारंटीन सेंटर पर 12-12 घंटे की शिफ्ट में वे काम कर रहे हैं। शिक्षामित्रों की मांग है कि उन्हें भी कोरोना वॉरियर की श्रेणी में रखते हुए 50 लाख का बीमा दिया जाए।शिक्षामित्र काम करने से पीछे नहीं हटेंगे। हमारी महिला शिक्षामित्र भी डटी हैं और रात की ड्यूटी भी कर रही हैं। लेकिन हम मुख्यमंत्री और बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री से मांग करते हैं कि हमें जून का मानदेय दिया जाए।जितेन्द्र शाही, प्रदेश अध्यक्ष, आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशनकेंद्र सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक शिक्षामित्रों को मानदेय दिया जाता है। अभी तक मेरे संज्ञान में ऐसा कोई मामला नहीं आया है कि शिक्षामित्रों की ड्यूटी लगाई गई है। अगर ऐसा कुछ होता है तो हम जिलाधिकारियों से बात करेंगे।विजय किरन आनंद, महानिदेशक, बेसिक शिक्षा विभाग