सहारनपुर : अनामिका मामला कॉल डिटेल से फर्जी शिक्षिका की हो रही तलाश, यूपी से दिल्ली तक जांच
हिन्दुस्तान,सहारनपुर । कथित शिक्षिका अनामिका शुल्का की पुलिस ने तलाश तेज कर दी है। सहारनपुर के साथ साथ ही मैनपुरी और दिल्ली में भी शिक्षिका की तलाश जारी है। पुलिस मोबाइल फोन की कॉल डिटेल के आधार पर उसकी तलाश में जुटी है। साथ ही पुलिस के हाथ कुछ अहम सुराग भी लगे हैं। जिसके बाद सहारनपुर पुलिस ने मैनपुरी, दिल्ली में भी कथित शिक्षिका की तलाश शुरू कर दी है।कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में कथित शिक्षिका अनामिका शुक्ला प्रकरण के बाद वेस्ट यूपी में खलबली मची हुई है।सहारनपुर में भी अनामिका शुक्ला के नाम से एक शिक्षिका ने नौकरी की थी। फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद शिक्षा विभाग ने थाना जनकपुरी में एफआईआर दर्ज कराई थी।जिसकी विवेचना थाना जनकपुरी की एसएसआई देवेंद्र कुमार को सौंपी गई है। विवेचक ने कस्तूरबा गांधी विद्यालय में पहुंचकर मामले की पड़ताल की थी। पुलिस ने अनामिका शुक्ला से जुडा पूरा रिकॉर्ड भी कब्जे में लिया है, जिसमें कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
*आईडी के रूप में आधार का हुआ है इस्तेमाल*
शिक्षिका के दस्तावेज में आईडी के नाम पर एक आधार कार्ड लगा है। उसी आधार कार्ड से बैंक में सैलरी एकाउंट खोला गया था।बैंक में एकाउंड खुलवाने के लिए विद्यालय में नियुक्ति को भी आधार बनाया गया था। जिसके बाद पुलिस ने सहारनपुर में तैनात रही कथित शिक्षिका की तलाश शुरू कर दी है। सूत्रों का दावा है कि पुलिस ने शिक्षिका के मोबाइल फोन और कॉल डिटेल के आधार पर पुलिस महिला की तलाश शुरू कर दी है। जिसके आधार पर पुलिस को कुछ सबूत भी हाथ लगे हैं।एसएसपी दिनेश कुमाप पी ने कहा कि शिक्षिका अनामिका शुक्ला प्रकरण में तफ्तीश की जा रही है। कुछ तथ्य हाथ आए हैं। जल्द ही इस फर्जीवाड़े का पूरा खुलासा किया जाएगा।
*बेसिक शिक्षा विभाग के आधा दर्जन अफसरों पर गिर सकती है गाज*
दूसरी तरफ अनामिका शुक्ला के फर्जी नियुक्ति प्रकरण में अब बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों पर गाज गिर सकती है। पूरे प्रकरण की जांच करने के बाद एडी बेसिक शिक्षा ने शासन को अपनी रिपोर्ट भेज दी है। जो रिपोर्ट शासन को गई है, उसमें शिक्षा विभाग के अधिकारी के संदेह के घेरे में हैं। एडी बेसिक शिक्षा योगराज सिंह ने बताया कि अनामिका शुक्ला के नियुक्ति प्रकरण की रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेज दी है। अनामिका के नियुक्ति में लापरवाही हुई है। अधिकारियों ने नियुक्ति के समय अभिलेखों का ध्यान पूर्वक अवलोकन नहीं किया गया, जो बड़ी लापरवाही की ओर इशारा करती है। इस प्रकरण में शासन के आदेशानुसार आगे की कार्रवाई होगी।