न्यायालय में इंसाफ के लिए लंबी लड़ाई लड़कर जीत हासिल करने के बाद जिन अभ्यर्थियों का सहायक अध्यापक बनना तय हो गया था। उनके सपनों को बुधवार को झटका लगा। काउंसलिंग कराने आए अभ्यर्थियों के हाथों में नौकरी आई, परन्तु रेत की तरह फिसल गई। 69 हजार शिक्षक भर्ती के लिए जीआईसी में पहले दिन 475 में 298 की काउंसलिंग की गई। कोर्ट से रोक लगने का आदेश आने के बाद काउंसलिंग को बंद कर सभी को वापस कर दिया गया।राजकीय इंटर कालेज में काउंसलिंग कराने के लिए आठ काउंटर बनाए गए थे। हर काउंटर पर अभ्यर्थियों के कागज चेक करने को लिपिक की ड्यूटी थी। शाहजहांपुर में 1421 पदों के लिए 475 लोगों को विभाग ने बुलाया था। सुबह आठ बजे से अभ्यर्थियों के आने का सिलसिला शुरू हो गया। कोविड-19 के चलते ट्रेन बंद होने से पर्सनल गाड़ी लेकर आए थे। गाड़ियों को जीआईसी के खेल मैदान में खड़ा कराया गया। उसके बाद मेरिट लिस्ट के आधार पर अभ्यर्थियों को बुलाया। कमरों में प्रवेश करने से पहले उनकी थर्मल स्क्रीनिंग की गई। फिर संबंधित को एलाट कमरे में बैठाकर उनके कागजों को चेक किया। प्रक्रिया शुरू होने के चार घंटे के बाद ही हाईकोर्ट से भर्ती पर रोक की खबर आ गई। बीएसए राकेश कुमार ने काउंसलिंग को जारी रखा। करीब तीन बजे उनके पास कोर्ट का पत्र आया। जिसके बाद उन्होंने काउंसलिंग को बंद कराकर अभ्यर्थियों को वापस कर दिया।-
-महिला अभ्यर्थी का तापमान बढ़ा मिला
-जीआईसी में थर्मल स्क्रीनिंग में केरूगंज से आई महिला अभ्यर्थी का तापमान अधिक मिला। उसके साथ आए पिता का तापमान भी अधिक था। उसे अंदर प्रवेश नहीं दिया गया। बल्कि साइड में बैठाकर कागजों को चेक कराएं। बीएसए के मुताबिक, बाहर ही उसके साइन लिए गए थे।
अग्रिम आदेशों तक भर्ती स्थगित
=बीएसए राकेश कुमार ने बताया कि करीब तीन बजे के आसपास भर्ती पर कोर्ट से रोक लगाए जाने का आदेश प्राप्त हो गया था। जिसके बाद काउंसलिंग पर रोक लगा दी गई। तीन से छह जून अग्रिम आदेशों तक भर्ती स्थगित कर दी गई है। -परीक्षा पास करने को दिन-रात एक किया, नौकरी पाने को खा रहे ठोकरे-काउंसलिंग पर रोक लगने की खबर मिलने पर अभ्यर्थियों की भर आई आंखें-शामली, सहारनपुर, बरेली और लखीमपुर समेत कई जिलों से आए थे अभ्यर्थीशाहजहांपुर। हिन्दुस्तान संवादकाउंसलिंग कराने आए अभ्यर्थियों के चेहरे खुशी से खिले थे, हो भी क्यों न, उनकी वर्षों की तपस्या का फल मिलने वाला था। उम्मीद थी कि काउंसलिंग हो जाएगी। छह के बाद नियुक्ति पत्र मिलने के साथ ही सहायक अध्यापक बन जाएंगे। परन्तु, जो सोचा था, वह नहीं हुआ। हाईकोर्ट से रोक लगने की बात सुनकर अभ्यर्थियों के चेहरे मुरझा गए। उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े। रुंधे गले से कहा कि ईश्वर हम लोगों का इम्तेहाल ले रहा है। पहले परीक्षा पास करने को दिन-रात एक किया। अब नौकरी पाने के लिए ठोंकरे खाना पड़ रही हैं।
बुधवार को हिन्दुस्तान ने कुछ अभ्यर्थियों से बातचीत की।
-कोर्ट ने फिर दिया झटका
-गन्ना शोध परिषद की डोरी सिंह काउंसलिंग कराने के लिए आई थी। वह बोली कि टीईटी पास करना आसान बात नहीं है। परीक्षा में बेहतर अंक लाने के लिए ऑनलाइन तैयारी की। बहुत सी किताबों से अध्ययन किया। सोचा था कि नौकरी मिल जाएगी तो आत्मनिर्भर बन जाएंगे। परन्तुं, कोर्ट ने एक बार फिर से झटका दे दिया।
परिवार वालों का सहारा बनना चाहती हूं
=शामली से आई कनिका कौशिक भी काउंसलिंग स्थगित होने से काफी दुखी नजर आईं। सुबह पापा के साथ आई कनिका का चेहरा मुरझाया था। बताने लगी कि नौकरी पाकर परिवार वालों का सहारा बनना चाहती हैं, पर नौकरी मिलने के बजाय दूर होती जा रही है। इतने लंबे संघर्ष के बाद जॉब के लिए कोर्ट से आर्डर पक्ष में आया था।
हिम्मत नहीं हारेंगे
शाहजहांपुर की ज्योति अवस्थी अपने पापा के साथ काउंसलिंग कराने के लिए पहुंची थी। उन्होंने काफी ज्यादा मेहनत की। लेकिन, हालात काफी विपरीत हो रहे हैं। यह भर्ती लगातार कोर्ट में फंसती जा रही है। हिम्मत नहीं हारेंगे, फिर से कोर्ट का दरवाजा खटकाएंगे और नौकरी पाएंगे।