न्यूज डेस्क, अमर उजाला, प्रयागराज 68500 सहायक अध्यापक भर्ती के मामले में चयनित अभ्यर्थियों को जिला आवंटन का कानूनी विवाद अभी थमा नहीं है। इस मामले में एकल न्यायपीठ द्वारा दो बार फैसला सुनाए जाने के बाद अब स्पेशल अपील दाखिल कर एकल पीठ के फैसले को चुनौती दी गई है।अपील विलंब से दाखिल की गई, जिस पर विलंब माफी की प्रार्थना की गई थी।कोर्ट ने 260 दिन की देरी को माफ कर दिया है, साथ ही अपील को सुनवाई हेतु स्वीकार करते हुए जुलाई के दूसरे हफ्ते में पेश करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने इस दौरान राज्य सरकार और बेसिक शिक्षा परिषद को जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज मित्तल तथा न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने अमित शेखर भरद्वाज की विशेष अपील पर दिया है। अपील पर वरिष्ठ अधिवक्ता आर के ओझा ने बहस की। परिषदीय स्कूलों में 68,500 सहायक अध्यापक भर्ती में अभ्यर्थियों ने मेरिट के अनुसार जिले का आवंटन करने की मांग को लेकर याचिका दाखिल की थी। एकल पीठ ने याचिका खारिज करते हुए मेरिट के आधार पर आवंटन की मांग अस्वीकार कर दी।इसके खिलाफ पुनर्विचार अर्जी दाखिल की गई मगर एकल पीठ ने अपना निर्णय बरकरार रखा।अब एकल पीठ के निर्णय को विशेष अपील में चुनौती दी गई है। 68,500 भर्ती में सफल अभ्यर्थियों को विभिन्न जिलों में तैनाती दी गई है। अधिक अंक पाने वाले अभ्यर्थियों ने यह कहते हुए याचिका दाखिल की थी कि मेरिट में ऊपर रहने वालों को उनकी वरीयता के अनुसार जिला आवंटित किया जाए।जबकि ऐसा न करके कम मेरिट वाले अभ्यर्थियों को उनकी वरीयता का जिला दे दिया गया और अधिक मेरिट वालों को दूर दराज के जिलों में भेज दिया गया। न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने फैसला दिया था कि एमआरसी (मेरिटोरियस रिजर्व कैंडिडेट)(आरक्षित वर्ग के ऐसे अभ्यर्थी जो अधिक अंक पाने के कारण सामान्य वर्ग में चले जाते हैं) को उनके वर्ग का मानते हुए जिला आवंटन किया जाए।अर्थात सामान्य वर्ग में चले जाने के कारण उनके जिले की वरीयता में कोई परिवर्तन नहीं होगा। इस आदेश के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल हुई, क्योंकि अभ्यर्थियों का मानना था कि अन्य वर्ग के अभ्यर्थियों को इस आदेश से लाभ नहीं हुआ। एकल पीठ ने दोबारा सुनवाई में अपने पूर्व के आदेश को सही ठहराया। पुनर्विचार अर्जी पर फैसला आने के बाद अपील में चुनौती दी गई है। कोर्ट ने कहा है कि जुलाई में अपील को निस्तारण के लिए सूचीबद्ध किया जाए।
एकल पीठ के आदेश के पालन को अवमानना याचिका दाखिल
जिला आवंटन को लेकर एकल पीठ के आदेश का पालन करने के लिए कुछ अभ्यर्थियों ने अवमानना याचिका भी दाखिल की है। याचिकाकर्ता के वकील सीमांत सिंह का कहना है कि बादल मलिक व अन्य की ओर से दाखिल अवमानना याचिका में कहा गया कि एकल पीठ ने तीन महीने में याचीगण से प्रत्यावेदन लेकर एमआरसी अभ्यर्थियों की वरीयता पर विचार करते हुए जिले का आवंटन करने का निर्देश दिया। यह समय बीत गया है मगर बेसिक शिक्षा परिषद ने कुछ नहीं किया, जबकि एक अप्रैल से नया सत्र शुरू हो चुका है। याचिका पर सात जुलाई को सुनवाई होगी।