लखनऊ। प्रदेश में वित्तविहीन विद्यालय जुलाई से स्कूल खोलने के लिए शिक्षा विभाग पर दबाव बना रहे हैं। वित्तविहीन विद्यालयों से जुड़े संगठनों ने विभाग को अलग-अलग चरणों में स्कूल खोलने का प्रस्ताव भी दिया है।
इस पर माध्यमिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने सभी जिला माध्यमिक विभाग विद्यालय निरीक्षकों से स्कूल डीआई खोलने पर सुझाव और प्रस्ताव मांगे हैं। कांग्रेस प्रदेश में कोरोना संक्रमण के चलते 15 मार्च से सभी स्कूल बंद हैं। सरकार ने वित्तविहीन विद्यालयों को लॉकडाउन की अवधि में एक मुश्त फीस की वसूली नहीं करने, फीस के अभाव में किसी भी विद्यार्थी का नाम नहीं काटने और फीस नहीं बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही शिक्षकों को भी पूरा वेतन देने के निर्देश दिए हैं।
माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक महासभा के शिक्षक एमएलसी उमेश द्विवेदी का कहना है कि वित्तविहीन विद्यालयों में फीस नहीं मिलने से चार महीने से शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन का भुगतान नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि जुलाई में स्कूल खोलने के लिए सरकार से आग्रह किया है ताकि कक्षा 6 से 9 और 11 के बच्चों का परीक्षा परिणाम तैयार किया जा सके। उन्होंने कक्षा 9 से 11 की कक्षाएं भी संचालित करने के लिए आग्रह किया है।
वहीं माध्यमिक शिक्षा विभाग ने कोरोना संक्रमण काल मे स्कूलों को खोलने के लिए विभाग की विशेष सचिव आर्यका अखूरी की अध्यक्षता में कमेटी गठित की है। कमेटी स्कूलों को खोलने के लिए शिक्षक संघों, जिला विद्यालय निरीक्षकों सहित अन्य स्रोतों से प्राप्त प्रस्ताव और सुझाव के आधार पर अपनी रिपोर्ट देगी।