लखनऊ : बाहर जिलों से आने वाले प्रवासी मजदूरों के लिए तीन दर्जन से अधिक प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों को क्वारंटीन सेंटर बनाया गया था। प्रवासियों के जाने के बाद इन स्कूलों में न तो सैनिटाइजेशन हुआ और न ही सफाई। यहां तक के मजूदरों का इस्तेमाल किए गए कपड़े व अन्य सामान स्कूल में ही पड़ा हुआ है। इसके बाद भी मिड डे मील का पैसा बांटने के लिए शिक्षकों को स्कूल बुलाया जा रहा है। इसे लेकर शिक्षकों में रोष है।
स्कूल में न साफ-सफाई हुई और न ही सैनिटाइजेशन
बहुत से शिक्षक शहर के रेड जोन में रहते हैं। जो रोज आने जाने से कतरा रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि शासन के निर्देश पर मिड डे मील योजना के तहत दिए जाने वाली भोजन की 76 दिनों की कर्न्वजन कास्ट बच्चों को दी जाना है। ऐसे में बच्चों और उनको अभिभावकों को स्कूल बुला कर सत्यापन किया जाना है। इसमें उनको बैंक एकाउंट नम्बर, आधार कार्ड समेत अन्य जानकारियों का सत्यापन होना है। शिक्षकों के साथ बच्चों व अभिभावकों में संक्रमण का खतरा है।
प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन प्रान्तीय अध्यक्ष विनय कुमार सिंह बताते हैं कि स्कूलों को सैनिटाइज कराने के लिए मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भी भेजा गया है। स्कूलों में शिक्षकों को संक्रमण होने का खतरा है।