बिहार : स्कूल बस और वैन को लेकर एचआरडी मंत्रालय ने बनाए नियम, ऑटो पर लग सकती है रोक
Published By: Pankaj Vijay | वरीय संवाददाता,पटना
मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से छात्र-छात्राओं के स्कूल आने-जाने को लेकर दिशा निर्देश जारी कर दिये गये हैं। 55 सीटर वाली स्कूल बस में एक साथ 25 बच्चों को ही बैठाया जायेगा। एक सीट पर एक विद्यार्थी बैठेगा। यह नियम एक और दो सीट दोनों पर ही लागू होगा। वहीं स्कूल वैन में एक सीट पर दो विद्यार्थी बैठ सकते हैं। स्कूल बस और वैन में दो विद्यार्थियों के बीच दो फूट का अंतर होना चाहिए। बस में बैठने के दौरान सभी बच्चों को मास्क और ग्लब्स लगाना अनिवार्य है।
मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा स्कूल बस और वैन के लिए यह दिशा निर्देश जारी किया गया है। इसे 15 से 20 जून के बीच सभी स्कूलों को भेजा जाएगा। राजधानी पटना के कई स्कूलों ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी हैं। स्कूल द्वारा अभिभावकों को इसकी जानकारी दी जा रही हैं। हर दिन स्कूल बसों को डब्ल्यूएचओ की ओर से निर्धारित मानक के अनुसार सेनेटाइज किया जायेगा। जिन स्कूलों में दो गेट है तो स्कूल बस को अलग अलग गेट पर खड़ा किया जाएगा। जिससे विद्यार्थी के चढ़ने और उतरने में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके। सभी स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि वे बसों को सेनेटाइज करें।
नया नियम
- मानव संसाधन मंत्रालय ने स्कूल बस व वैन के लिए जारी किये दिशा निर्देश
- हर दिन डब्ल्यूएचओ मानक के अनुसार स्कूल बस और वैन को किया जाएगा सेनेटाइज
ऑटो पर लग सकती है रोक
कई स्कूलों के बच्चे ऑटो से आते-जाते हैं। ऑटो में बच्चों को ठूंस-ठूंस कर बैठाया जाता है। ऐसे में ऑटो से स्कूल आने जाने पर रोक लग सकती है। सभी स्कूलों से इस संबंध में राय मांगी गयी हैं। पटना के कई स्कूल जहां पर बच्चों के आने जाने के लिए बस की सुविधा नहीं है। ऐसे स्कूल के लिए कुछ नियम बनाये जा सकते हैं।
राजीव रंजन (प्राचार्य, बाल्डविन एकेडमी) ने कहा- हर दिन बस को सेनेटाइज करने के बाद ही बच्चों को लेने भेजा जायेगा। डब्ल्यूएचओ के निर्देश के अनुसार सारी प्रक्रिया की जाएगी। चूंकि ऑड इवेन नंबर से बच्चे स्कूल आयेंगे। बच्चों की संख्या कम रहेगी तो दिक्कतें नहीं होगी।
मेरी अल्फांसो (प्राचार्य, डान बास्को एकेडमी) ने कहा- स्कूल बस को हर दिन सेनेटाइज किया जायेगा। हर दिन सीट की सफाई होगी। ड्राइवर को विशेष तौर पर सेनेटाइज किया जाएगा। ड्राइवरों के बीच जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।