कोरोना आपदा में परिषदीय स्कूलों के बच्चों के खाते में कनवर्जन कॉस्ट भेजने के लिए इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक भी आगे आ गया है। कोरोना आपदा में आईपीपी बैंक खाते में बच्चों के भोजन का पैसा भेजवाने के लिए प्रधान डाकघर ने भी तैयारी शुरू कर दी है। जिन अभिभावकों का खाता आईपीपी बैंक में नहीं है, ग्रामीण डाक सेवक घर-घर पहुंच कर उनके खाते खोलेंगे। डाक विभाग के आईपीपी बैंक में लोगों को ऑनलाइन माध्यम से खाता खोलने की सुविधा बहुत पहले मिल गई है। फरेंदा, सोनौली, बृजमनगंज, लक्ष्मीपुर, ठूठीबारी, भिटौली, पनियरा, परतावल, सिसवा, निचलौल, धानी, कोल्हुई, ओड़वलिया, नौतनवा, मिठौरा, घुघली उप डाकघरों के ग्रामीण डाक सेवक ग्रामीणों का खाता खोलने के लिए मेहनत भी कर रहे हैं। लेकिन अधिकांश ग्रामीणों का खाता बैंक में होने के कारण नया खाता खोलवाने के लिए वे आगे भी नहीं आ रहे हैं। ऐसे में आईपीपी बैंक ने लाभार्थियों को जोड़ने के लिए कार्ययोजना बनाई है। शासन में बैठे विभिन्न विभागों के अधिकारियों से मिलकर जनपद स्तर के अधिकारियों के लिए निर्देश कराए जा रहे हैं। ऐसे में डीबीटी से आच्छादित योजनाओं जैसे वृद्धा पेंशन योजना, राष्ट्रीय पारिवारिक योजना, छात्रवृत्ति आदि योजनाओं का पैसा आईपीपी बैंक खातेमें भी पहुंच रहा है। इसी क्रम में कोरोना आपदा में परिषदीय स्कूलों के माता-पिता को आईपीपी बैंक से जोड़ने के लिए सीडीओ ने बीएसए को निर्देशित किया है।
खाते में इतना पहुंचेगा कनवर्जन कॉस्ट
कोरोना आपदा में शासन स्तर से परिषदीय प्राथमिक व जूनियर स्कूलों के बच्चों के माता-पिता के खाते में पैसा भेजने के लिए कनवर्जन कॉस्ट निर्धारित कर दिया गया है। प्राथमिक स्कूलों के बच्चों के माता-पिता के खाते में 374 रुपया पहुंचेगा। वहीं जूनियर स्कूल के बच्चों के माता-पिता के खाते में 561 रुपया पहुंचेगा।
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डाक विभाग के आईपीपी बैंक से अधिक लोगों को जोड़ने के लिए तेजी से कार्य किए जा रहे हैं। विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों का खाता आईपीपी बैंक में खुलने से पैसा भी पहुंच रहा है। अब परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के माता-पिता के खाते में भी कनवर्जन कॉस्ट पहुंचेगा।
अमित कुमार सिंह, प्रबंधक आईपीपी बैंक