प्रयागराज में उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग की भर्ती परीक्षाओं और रिजल्टों की जांच कर रही सीबीआई को गड़बड़ी होने के मिले हैं पुख्ता सुबूत
सीबीआई यूपीपीएससी द्वारा वर्ष 2012 से 2017 तक कराई गई सभी परीक्षाओं व जारी किए गए रिजल्टों की कर रही है जांच
प्रयागराज, जेएनएन। उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग (यूपीपीएससी) की भर्ती परीक्षाओं व रिजल्टों की जांच कर रही सीबीआई को गड़बड़ी होने के पुख्ता सुबूत मिले हैं। चार परीक्षाओं में हुई गड़बड़ी का सुबूत मिलने पर सीबीआई ने पीई (प्राइमरी इंक्वायरी) दर्ज करके जांच तेज कर दिया है।सोमवार की रात उत्तर प्रदेश न्यायिक सिविल सेवा परीक्षा 2013, आरओ-एआरओ 2013, सम्मिलित राज्य अवर अधीनस्थ सेवा सामान्य चयन 2013 व एक सीधी भर्ती में पीई दर्ज की गई है। इसमें पीई 4/20, पीई 5/20, पीई 6/20 व पीई 7/20 दर्ज हुई है। अब सीबीआई की क्राइम ब्रांच चारों परीक्षाओं के लिए अलग-अलग जांच अधिकारी नियुक्त करके खामियों के तह तक जाएगी। इसके बाद दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की कार्रवाई की जाएगी।सीबीआई यूपीपीएससी द्वारा वर्ष 2012 से 2017 तक कराई गई सभी परीक्षाओं व जारी किए गए रिजल्टों की जांच कर रही है। इसमें तकरीबन 550 से अधिक भर्ती परीक्षाएं व रिजल्टों की जांच होनी है। मई 2018 में अज्ञात एफआईआर दर्ज कराई गई है। इसके बाद सीबीआई की टीम समय-समय पर यूपीपीएससी आती रही है। जांच में चार परीक्षाओं में गड़बड़ी का सुबूत मिलने की रिपोर्ट प्रयागराज स्थित कैंप कार्यालय के अधिकारियों द्वारा सीबीआई चीफ को रिपोर्ट भेजी गई। चीफ ने आगे की कार्रवाई के लिए सीबीआई क्राइम ब्रांच प्रथम कार्यालय को फाइल भेज दी। इसके बाद पीई दर्ज करके कार्रवाई आगे बढ़ाई जा रही है। इधर, सीबीआई द्वारा पीई दर्ज करने से यूपीपीएससी के अधिकारियों व कर्मचारियों में हड़कंप मचा है। वह आगे की कार्रवाई को लेकर सकते में हैं।
यह है पीई दर्ज करने की प्रक्रिया :
सीबीआई को जब कोई गड़बड़ी मिलती है तो वह पीई दर्ज करके उसकी जांच आगे बढ़ाती है। जांच अधिकारी पीई दर्ज करने की संस्तुति के लिए सारा ब्योरा सीबीआई चीफ को भेजते हैं। चीफ की अनुमति मिलने के बाद पीई दर्ज करके जांच आगे बढ़ाई जाती है। इसके बाद एफआईआर दर्ज कराई जाती है।
पहले भी दर्ज हुई है पीई :
सीबीआई इसके पहले यूपीपीएससी की पीसीएस 2015 में हुई अनियमितता पर एफआइआर दर्ज करा चुकी है, जबकि अपर निजी सचिव 2010 परीक्षा में अनियमितता मिलने पर पीई दर्ज करके जांच की जा रही है। पहले यह परीक्षा सीबीआई के जांच के दायरे में नहीं थी। लेकिन, अन्य परीक्षाओं की जांच के दौरान सीबीआई को अपर निजी सचिव 2010 में भी अनियमितता मिली। इस पर शासन से उसे भी जांच के दायरे में रखने के लिए अनुमति मांगी। शासन की अनुमति मिलने के बाद पीई दर्ज करके जांच की जा रही है।