मैनपुरी : आवासीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक-शिक्षिकाओं के अभिलेखों की जांच गुरुवार को पूरी कर ली गई। जांच के दौरान दो फर्जी शिक्षिकाएं और सामने आई हैं। फर्जी शिक्षकों के अभिलेखों का ऑनलाइन सत्यापन पूरा कर लिया गया है। इनके ऑफलाइन सत्यापन के लिए अभिलेख संबंधित बोर्ड को भेज दिए गए हैं।
जांच के दौरान एक और चौंकाने वाली बात सामने आई है। पता चला है कि इन फर्जी शिक्षकों की तैनाती के पीछे मैनपुरी में विभागीय कर्मियों का एक बड़ा रैकेट है जो इन्हें अब तक बचाता रहा। इसी रैकेट की बदौलत यह फर्जी शिक्षकों मैनपुरी में नौकरी कर रही थीं। अनामिका शुक्ला सांप सामने आने के बाद मैनपुरी के कस्तूरबा में दीप्ति कांड का खुलासा हुआ तो सरकार ने मैनपुरी सहित प्रदेश के सभी कस्तूरबा विद्यालयों के स्टाफ के अभिलेखों की जांच कराने का फैसला किया। मैनपुरी के घिरोर, भोगांव और करहल में संचालित कस्तूरबा बालिका विद्यालय की 42 शिक्षकों और वार्ड के अभिलेखों की पड़ताल कराई गई। सूत्रों का कहना है कि बीएसएफ के निर्देश पर हुई इस पड़ताल में दो फर्जी शिक्षिकाएं और सामने आई हैं।
अभिलेखों की जांच ऑनलाइन
सत्यापन के दौरान दो के अभिलेख संदिग्ध
बीएसए ने सभी 42 कर्मियों का ऑनलाइन सत्यापन कराया।
अनामिका प्रकरण : पुष्पेंद्र 7 साल से हर काउंसलिंग में शामिल हो रहा था
मैनपुरी : अनामिका शुक्ला फर्जी शिक्षिका मामले के मास्टरमाइंड की जड़ें बहुत गहरी हैं। बीएसए कार्यालय के सूत्रों के अनुसार उसे पिछले सात वर्ष में हुई शिक्षक भर्ती, अनुदेशक आदि की प्रत्येक काउंसलिंग में किसी न किसी के साथ आते-जाते देखा गया है। वह भर्ती के दौरान महिला अभ्यर्थियों के साथ ही आया है। अनामिका शुक्ला फर्जी शिक्षिका मामले के मास्टरमाइंड की फोटो अखबारों में छपी तो चर्चाएं और बढ़ गई। बीएसए कार्यालय के सूत्र कहते हैं, पुष्पेंद्र जिन महिलाओं को काउंसलिंग में साथ लाता था उन्हें अपनी बुआ, भतीजी या बहन बताता था। अब जब शासन ने सभी शिक्षक भर्तियों की जांच के आदेश दिए हैं तो बड़ा खुलासा होने की संभावना जताई जा रही है। माना जा रहा है कि कई शिक्षिकाओं को भी पुष्पेंद्र ने नौकरी दिलवाई है। उनके अभिलेखों की सत्यता अब जांच के बाद ही पता लग सकेगी। फिलहाल अब लोगों की नजर शासन के निर्देश पर गठित टीम पर है जिसका प्रभारी एसडीएम को नियुक्त किया गया है। व्यूरो शिक्षिका का मांगा रिकॉर्ड : कासगंज। कस्तूरबा विद्यालयों के सभी कर्मचारियों के मूल दस्तावेजों की जांच के दौरान संदेह घेरे में आई शिक्षिका लक्ष्मी का रिकॉर्ड मांगा गया है।
अभिलेखों की जांच ऑनलाइन
सत्यापन के दौरान दो के अभिलेख संदिग्ध
बीएसए ने सभी 42 कर्मियों का ऑनलाइन सत्यापन कराया।
अनामिका प्रकरण : पुष्पेंद्र 7 साल से हर काउंसलिंग में शामिल हो रहा था
मैनपुरी : अनामिका शुक्ला फर्जी शिक्षिका मामले के मास्टरमाइंड की जड़ें बहुत गहरी हैं। बीएसए कार्यालय के सूत्रों के अनुसार उसे पिछले सात वर्ष में हुई शिक्षक भर्ती, अनुदेशक आदि की प्रत्येक काउंसलिंग में किसी न किसी के साथ आते-जाते देखा गया है। वह भर्ती के दौरान महिला अभ्यर्थियों के साथ ही आया है। अनामिका शुक्ला फर्जी शिक्षिका मामले के मास्टरमाइंड की फोटो अखबारों में छपी तो चर्चाएं और बढ़ गई। बीएसए कार्यालय के सूत्र कहते हैं, पुष्पेंद्र जिन महिलाओं को काउंसलिंग में साथ लाता था उन्हें अपनी बुआ, भतीजी या बहन बताता था। अब जब शासन ने सभी शिक्षक भर्तियों की जांच के आदेश दिए हैं तो बड़ा खुलासा होने की संभावना जताई जा रही है। माना जा रहा है कि कई शिक्षिकाओं को भी पुष्पेंद्र ने नौकरी दिलवाई है। उनके अभिलेखों की सत्यता अब जांच के बाद ही पता लग सकेगी। फिलहाल अब लोगों की नजर शासन के निर्देश पर गठित टीम पर है जिसका प्रभारी एसडीएम को नियुक्त किया गया है। व्यूरो शिक्षिका का मांगा रिकॉर्ड : कासगंज। कस्तूरबा विद्यालयों के सभी कर्मचारियों के मूल दस्तावेजों की जांच के दौरान संदेह घेरे में आई शिक्षिका लक्ष्मी का रिकॉर्ड मांगा गया है।