फतेहपुर । कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालयों में संविदा के शिक्षकों की नौकरी का फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद सीएम ने सभी शिक्षकों की जांच कराने का फैसला लिया है। सालों साल से नौकरी कर रहे शिक्षकों के दिलों की धड़कन बढ़ गई हैं। असल में जिले में दिव्यांगता के आधार पर नौकरी पाने वालों और सेवा शर्तों का लाभ उठाने वाले शिक्षकों को लेकर चार साल पहले जांच कराने का निर्णय गया था। यह मामला सेटिंग-गेटिंग के चलते ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। भर्तियों में फर्जीवाड़े में वर्ष 2017 में तत्कालीन बीएसए विनय कुमार ने कार्रवाई करते हुए दो शिक्षकों की सेवाएं समाप्त की थी। ऐसे में इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि जिले में फर्जी अभिलेखों के आधार पर नौकरी और लाभ पाने वालों की संख्या नहीं है। दिव्यांगता को नौकरी के बीच में दर्शाकर नौकरी करने वालों की संख्या 48 है। इसमें तमाम शिक्षक नेता भी शामिल हैं। इसको लेकर करीब चाल साल पहले एक आदेश हुआ था कि दिव्यांगता कोटे के शिक्षक शिक्षकों की जांच प्रदेश स्तरीय टीम करेगी। वहीं फर्जी अभिलेख लगाने वालों की जांच प्रदेश स्तर से एसटीएफ भी कर रही है। हालांकि इस सबके बीच अभी तक जिले का कोई मामला पकड़ में नहीं आया है। सीएम के द्वारा डेडीकेटेड जांच टीम के गठन के बाद जिले में हलचल तेज हो गई हैं। बीएसए शिवेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि डेडीकेटेड जांच दल का गठन किया गया है। जिले में जांच होगी तो उसका पूरा सहयोग किया जाएगा।
शैक्षिक अभिलेखों की विभाग ने जांच शुरू की
फतेहपुर : कस्तूरबा गांधी आवासीय स्कूलों में फर्जीवाड़ा का मामला पकड़े जाने पर जांच कराए जाने का निर्णय गया गया था। इसके क्रम में बीएसए ने जिला समन्वयक बालिका शिक्षा के जिला समन्वयक डॉ. विवेक शुक्ला को निर्देशित किया था। जिले में 10 ब्लाकों में कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय स्कूल संचालित हो रहे हैं। उनकी जांच कर ली जाए। पहले दिन बहुआ, ऐराया, असोथर और हसवा के शिक्षक-शिक्षिकाओं के शैक्षिक अभिलेखों की स्थानीय स्तर पर जांच प्रारंभ की गई। देरशाम तक जांच चलती रही लेकिन चारों ब्लाकों का काम पूरा नहीं हो पाया था। बीएसए शिवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि सभी 10 स्कूलों के पूरे स्टाफ की जांच महानिदेशक के निर्देश के बाद कराई जा रही है।
फतेहपुर : कस्तूरबा गांधी आवासीय स्कूलों में फर्जीवाड़ा का मामला पकड़े जाने पर जांच कराए जाने का निर्णय गया गया था। इसके क्रम में बीएसए ने जिला समन्वयक बालिका शिक्षा के जिला समन्वयक डॉ. विवेक शुक्ला को निर्देशित किया था। जिले में 10 ब्लाकों में कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय स्कूल संचालित हो रहे हैं। उनकी जांच कर ली जाए। पहले दिन बहुआ, ऐराया, असोथर और हसवा के शिक्षक-शिक्षिकाओं के शैक्षिक अभिलेखों की स्थानीय स्तर पर जांच प्रारंभ की गई। देरशाम तक जांच चलती रही लेकिन चारों ब्लाकों का काम पूरा नहीं हो पाया था। बीएसए शिवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि सभी 10 स्कूलों के पूरे स्टाफ की जांच महानिदेशक के निर्देश के बाद कराई जा रही है।