गाइडलाइन में कहा गया है कि कोर्स शुरू होने के 45 दिनों में सिर्फ ऑनलाइन क्लासेज ही दी जाएं। बाद में 3-4 छात्र-छात्राओं का ग्रुप बनाकर उन्हें रोटेशन के तहत कॉलेज बुलाया जाए, जिससे हफ्ते में एक बार सभी क्लास अटेंड कर सकें। जिससे उनकी समस्याओं का समाधान किया जा सके। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जाना जरूरी है।
रोटेशन के हिसाब से बुलाए जाएंगे स्टू़डेंट्स
प्रैक्टिकल क्लासेज के लिए सिमुलेशन सॉफ्टवेयर या वर्चुअल लैब का इंतजाम किया जाए। इसके बावजूद भी जिन प्रैक्टिकल क्लासेज के लिए स्टूडेंट्स का आना जरूरी हो। उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए रोटेशन के हिसाब से ही बुलाया जाए।
गाइडलाइन की कुछ अहम बातें:-
- 13 जुलाई से यूनिवर्सिटी कैंपस आकर ई-कॉन्टेंट तैयार करवाकर अपलोड कराएंगे डिपार्टमेंट हेड/ कुलपति/डीन।
- 13 जुलाई से ही टीचर्स फोन या अन्य माध्यमों से छात्र-छात्राओं के अभिभावकों से संपर्क करेंगे।
- फर्स्ट इयर में ऐडमिशन की आखिरी तारीख है 15 सितंबर।
- जरूरत पड़ने पर रोटेशन के हिसाब से कॉलेज जा सकेंगे स्टूडेंट्स।
- सभी विभाग स्टूडेंट्स के लिए लेक्चर रिकॉर्ड करके उसे अपलोड करेंगे।