गोरखपुर : मानव संपदा और पैन कार्ड ने पकड़वाए 18 फर्जी शिक्षक, ऐसे खुला इनका राज, बेसिक शिक्षा विभाग के डिजिटलाइजेशन के जाल में फंसे कई फर्जी शिक्षक
अमर उजाला ब्यूरो, गोरखपुर। परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत फर्जी शिक्षकों को बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से कराए जा रहे डिजिटलाइजेशन ने पकड़वाया है। मानव संपदा पोर्टल या पैन कार्ड का ब्योरा ऑनलाइन होते ही असली शिक्षकों की पकड़ में उनके दस्तावेज पर नौकरी कर रहे फर्जी शिक्षक आ गए। जिसके बाद उनकी शिकायतों पर कार्रवाई शुरू कर दी गई।जांच के बाद पिछले एक वर्ष में 12 फर्जी शिक्षक बर्खास्त किए गए है चुके हैं। वहीं छह निलंबित होने के साथ ही पांच और शिक्षकों के खिलाफ जांच चल रही है। जुलाई तक इनपर बर्खास्तगी की कार्रवाई पूरी होगी।
वर्ष-2019 में एसटीएफ की छापेमारी केे बाद से बेसिक शिक्षा विभाग को कूटरचित दस्तावेजों के सहारे नौकरी करने वाले शिक्षकों के खिलाफ अधिक मात्रा में शिकायतें मिलने का सिलसिला शुरू हुआ। वहीं मानव संपदा पोर्टल और पैन कार्ड, आधार कार्ड को शिक्षकों के रिकार्ड में शामिल करने की शुरूआत हुई।
जैसे-जैसे शिक्षकों का ब्योरा अपडेट करने का सिलसिला शुरू हुआ। वैसे-वैसे कूटरचित दस्तावेजों के सहारे दो-दो जगह नौकरी हासिल करने वाले फर्जी शिक्षकों के खिलाफ शिकायतें बढ़ने लगीं। आनन फानन में विभाग ने इनपर कार्रवाई की।
अब तक 51 बर्खास्त
जांच के बाद अबतक 51 फर्जी शिक्षकों को बर्खास्त कराने के लिए साथ ही 37 शिक्षकों पर बीएसए की तहरीर पर राजघाट थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है। वहीं प्राथमिक जांच में संदिग्ध मिलने पर 30 शिक्षक निलंबित किए जा चुके हैं। इसकेे अलावा करीब 20 से अधिक शिक्षकों के खिलाफ जांच चल रही है।जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बीएन सिंह ने कहा कि फर्जी शिक्षकों के खिलाफ जांच में मानव संपदा पोर्टल और पैन कार्ड ने गोरखपुर में कई शिक्षकों को पकड़वाया है। आईटीआर जमा करने के दौरान कई शिक्षकों को अपने पैन कार्ड का गलत इस्तेमाल होने की जानकारी मिली। उन्होंने शिकायत की तो आरोपी पकड़े गए। ऐसे ही मानव संपदा पोर्टल ने भी दो जगह पर एक ही दस्तावेजों के सहारे नौकरी करने वाले शिक्षकों का राजफाश किया है।