प्रयागराज : पीसीएस 2018 में स्केलिंग लागू करने की मांग में याचिका खारिज
कोर्ट ने कहा- अभी प्रक्रिया जारी, याचिका समय पूर्व दाखिल की गई
प्रयागराज। पीसीएस 2018 की मुख्य परीक्षा को चुनौती देनी वाली याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है।याचिका यह कहते हुए दाखिल की गई थी कि मुख्य परीक्षा के परिणाम में स्केलिंग लागू नहीं की गई है। परीक्षा की शुचिता पर सवाल उठाते हुए कहा गया कि लोक सेवा आयोग परीक्षा के आयोजन में पारदर्शिता नहीं बरत रहा है। हाईकोर्ट ने याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि याचिका तथ्यात्मक रूप से कमजोर है और परीक्षा की प्रक्रिया अभी जारी है। ऐसे में इसमें हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है।प्रतियोगी छात्र अनुज द्विवेदी और अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने सुनवाई की। याचीगण का कहना था कि पीसीएस 2016 के परिणाम में अभ्यर्थियों को प्राप्त मूल अंकों के साथ स्केलिंग स्कोर भी दिया गया था। 2017 की परीक्षा में इस प्रक्रिया को उलट दिया गया। आयोग ने 28 जनवरी 2020 को नोटिस प्रकाशित कर कहा था कि रिजल्ट के साथ स्केलिंग का स्कोर भी प्रदर्शित किया जाएगा मगर ऐसा नहीं किया गया। याचीगण ने आरटीआई से सूचना मांगी मगर उनको सूचना नहीं दी जा रही है। पूरी परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता का अभाव है।जबकि आयोग के अधिवक्ता का कहना था कि चयन प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है। साक्षात्कार होना बाकी है इसलिए इस स्तर पर आरटीआई में कोई सूचना नहीं दी जा सकती है। इससे गोपनीयता भंग होती है। प्रक्रिया पूरी होने के बाद आरटीआई में मांगी गई पर नियमानुसार विचार कर निर्णय लिया जाएगा। अधिवक्ता का कहना था कि याचिका तथ्यहीन और समय पूर्व दाखिल की गई है।
कोर्ट का कहना था कि याचिका मात्र संभावना के आधार पर दाखिल की गई है। इसमें ऐसा कोई तथ्य नहीं, जिससे अदालत चयन प्रक्रिया में हस्तक्षेप करे। 2016 के परिणाम में पर्सनॉलिटी टेस्ट के अंक भी जोड़े गए हैं।जबकि इस मामले में अभी चयन प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। ऐसे में याचिका में हस्तक्षेप का कोई औचित्य नहीं है। कोर्ट ने याचीगण को परीक्षा प्रक्रिया पूरी होने के बाद आरटीआई से सूचना मांगने की छूट दी है।