महराजगंज : बिना सैनेटाइज किए ही खुल गए स्कूल, जिले के 2127 परिषदीय विद्यालय में बनाया गया था क्वारंटीन वार्ड
हिन्दुस्तान टीम,महाराजगंज | Published By: NewswrapUpdated:
कोरोना आपदा के चलते 25 मार्च से बंद परिषदीय विद्यालयों के ताले बुधवार को खुले। संक्रमण के रोकथाम व बचाव के लिए शैक्षणिक कार्य ठप है, लेकिन शासन के निर्देश पर प्रधानाध्यापक व शिक्षक विद्यालय पहुंचे। लेकिन स्कूल अभी तक सैनेटाइज नहीं हो सके हैं। जिला पंचायत राज विभाग का कहना है कि स्कूलों को सैनेटाइज करने का आदेश पहले ही दिया जा चुका है। स्कूल सैनेटाइज भी हो चुके होंगे, पर शिक्षकों का कहना है कि अधिकांश विद्यालय सैनेटाइज नहीं हुए हैं। दूसरी ओर विभाग के निर्देश पर शिक्षक विद्यालय पहुंचे, लेकिन उन स्कूलों के कमरों में घुसने का साहस नहीं जुटा पाए जहां कोरोना का क्वारंटीन सेंटर बना था। कई शिक्षकों ने अपने पास से फिनायल व अन्य किटाणु रोधी दवा मंगा कर फर्श की सफाई कराकर कमरे व परिसर में छिड़काव कराया। शहर के पूर्व माध्यमिक विद्यालय महराजगंज प्रथम, कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय, प्राथमिक विद्यालय प्रथम व द्वितीय खुले थे। पूर्व माध्यमिक विद्यालय महराजगंज प्रथम में प्रधानाध्यापक बैजनाथ सिंह शिक्षकों के साथ रिकार्ड को दुरुस्त कराते नजर आए। विद्यालय की भी रंगाई-पुताई कराई जा रही थी। सदर क्षेत्र के अंग्रेजी माध्यम के प्राथमिक विद्यालय बागापार द्वितीय में प्रधानाध्यापक अमरेन्द्र सिंह पूरे स्टाफ के साथ विद्यालय में साफ-सफाई कराई। फिनायल मंगाकर फर्श को साफ कराया। प्रधानाध्यापक ने बताया इस विद्यालय को भी सैनेटाइज किया गया था। विद्यालय खुलने के बाद साफ-सफाई कराई जा रही है। पूर्व माध्यमिक विद्यालय बड़हरा खास में प्रधानाध्यापक डॉ टीएन गोपाल ने बुधवार को विद्यालय में छिड़काव कराया।
जिले के 2127 परिषदीय विद्यालय में बनाया गया था क्वारंटीन वार्ड
लॉकडाउन के दौरान कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए बाहर से आए प्रवासी मजदूरों के लिए जिला प्रशासन ने जिले के सभी 2127 परिषदीय विद्यालयों को क्वारंटीन वार्ड बनाया गया था। इन स्कूलों में करीब 70 हजार प्रवासी ठहरे हुए थे। बाद में भोजन व अन्य व्यवस्थाओं की दिक्कत शुरू होता देख सभी को होम क्वारंटीन कर दिया गया था। पर दर्जनों ऐसे स्कूल हैं जहां क्वारंटीन प्रवासियों में से कई कोरोना संक्रमित मिल चुके हैं। डीपीआरओ केबी वर्मा ने बताया कि सभी ग्राम प्रधान व सेक्रेटरी को पहले ही निर्देश दिया जा चुका है कि वह परिषदीय विद्यालयों को भी सैनेटाइज करा दें। काफी संख्या में स्कूलों को सैनेटाइज किया जा चुका है। जो अवशेष हैं उनको सैनेटाइज किया जा रहा है।
जिले में पहुंची पाठ्य पुस्तकों की खेप
लॉकडाउन के दौरान बेसिक शिक्षा विभाग नए शैक्षणिक सत्र के लिए तैयारियों को मुकम्मल कर रहा था। पाठ्य पुस्तकों की डिमांड भेजी जा चुकी थी। अब किताबें आनी शुरू हो गई है। बीएसए ने बताया कि पचास फीसदी किताब जिले पर आ चुकी है। पखवारे भीतर सभी किताब जिले पर आ जाएंगी। सत्यापन के बाद बीआरसी के माध्यम से एक-दो दिन में किताब विद्यालय पर भेजने की प्रक्रिया शुरू करा दी जाएगी।
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पहली जुलाई से विद्यालय खुल गए हैं। अभी शैक्षणिक कार्य शुरू नहीं है। शासन के निर्देश पर ही छात्रों को स्कूल बुलाया जाएगा। सोशल मीडिया के माध्यम से बच्चों को पढ़ाने का निर्देश दिया गया है।
- जगदीश शुक्ल, बीएसए