एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग
की समस्त सूचनाएं एक साथ

"BSN" प्राइमरी का मास्टर । Primary Ka Master. Blogger द्वारा संचालित.

जनपदवार खबरें पढ़ें

जनपदवार खबरें महराजगंज लखनऊ इलाहाबाद प्रयागराज गोरखपुर उत्तर प्रदेश फतेहपुर सिद्धार्थनगर गोण्डा बदायूं कुशीनगर सीतापुर बलरामपुर संतकबीरनगर देवरिया बस्ती रायबरेली बाराबंकी फर्रुखाबाद वाराणसी हरदोई उन्नाव सुल्तानपुर पीलीभीत अमेठी अम्बेडकरनगर सोनभद्र बलिया हाथरस सहारनपुर श्रावस्ती बहराइच मुरादाबाद कानपुर अमरोहा जौनपुर लखीमपुर खीरी मथुरा फिरोजाबाद रामपुर गाजीपुर बिजनौर बागपत शाहजहांपुर बांदा प्रतापगढ़ मिर्जापुर जालौन चित्रकूट कासगंज ललितपुर मुजफ्फरनगर अयोध्या चंदौली गाजियाबाद हमीरपुर महोबा झांसी अलीगढ़ गौतमबुद्धनगर संभल हापुड़ पडरौना देवीपाटन फरीदाबाद बुलंदशहर

Search Your City

लखनऊ : यूपी में शिक्षक भर्ती का रास्ता साफ, शीघ्र मिलेंगे 69000 शिक्षक, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिकाएं

0 comments
लखनऊ : यूपी में शिक्षक भर्ती का रास्ता साफ, शीघ्र मिलेंगे 69000 शिक्षक, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिकाएं

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट लखनऊ बेंच के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अब कोई भी सुनवाई से किया इनकार

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में लम्बे समय से चल रहे 69000 सहायक शिक्षकों की भर्ती के विवाद में योगी आदित्यनाथ सरकार को शीर्ष कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सहायक शिक्षकों की चल रही भर्ती जारी रहेगी सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उत्तर पुस्तिकाओं में खामियों के आधार पर भर्ती पर रोक मांगने वाली करीब आधा दर्जन याचिकाएं खारिज कर दीं। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि हाई कोर्ट में ही अपील करें। 24 जून को भी सुप्रीम कोर्ट ने इसी मामले से संबंधित कुछ याचिकाएं खारिज की थीं।न्यायमूर्ति यूयू ललित की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के गत 12 जून के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सुनवाई के बाद खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने हाइ कोर्ट की खंडपीठ के आदेश में दखल देने से इनकार करते हुए कहा कि याचिकाकर्ताओं को जो कहना है हाइ कोर्ट में जाकर कहें। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट से अनुरोध किया कि वह मामले को जल्दी से जल्दी दो महीने के भीतर निटपाए।याचिकाकर्ताओं ने हाई कोर्ट के गत 12 जून के अंतरिम आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। हाई कोर्ट की खंडपीठ ने उस आदेश में उत्तर पुस्तिकाओं की जांच विवाद यूजीसी की विशेषज्ञ समिति को भेजने और भर्ती पर अंतरिम रोक लगाने का एकलपीठ का आदेश स्थगित कर दिया था और प्रदेश सरकार को भर्ती जारी रखने को की हरी झंडी दे दी थी। मुख्य मामला अभी भी खंडपीठ के समक्ष विचाराधीन है।मंगलवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने एकलपीठ के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि भर्ती परीक्षा की जारी उत्तर पुस्तिकाओं में चार प्रश्न गलत हैं। मामले को जांच के लिए यूजीसी की विशेषज्ञ समिति को भेजने का एकलपीठ का आदेश सही था। तभी उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश सालिसिटर जनरल तुषार मेहता और राकेश मिश्रा ने पीठ से कहा कि सुप्रीम कोर्ट इसी तरह की याचिका पहले खारिज कर चुका है। पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील से सवाल किया कि आप कौन हैं और इस मामले में कैसे प्रभावित हो रहे हैं। क्या आप शिक्षामित्र हैं। वकील ने कहा कि हां मेरा मुवक्किल शिक्षामित्र है।इस पर पीठ ने फिर कहा कि इस भर्ती में 8000 शिक्षामित्रों की भर्ती हो रही है बाकी के 37339 शिक्षा मित्रों के लिए पद रोक कर रखे गए हैं। कोर्ट ने कहा कि इस तरह आप तो सुरक्षित हैं तो फिर क्या आपकी मानसिकता है कि भर्ती न होने दें। तभी एक एक अन्य वकील ने कहा कि उनका मुवक्किल बीटीसी अभ्यर्थी है और वह सिर्फ एक नंबर से परीक्षा में रह गया है। इस पर पीठ ने कहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य आदेश और राहत शिक्षामित्रों को ध्यान में रखकर दी थी। कोर्ट ने याचिकाओं पर विचार करने से इनकार करते हुए याचिकाकर्ताओं से कहा कि वह ये सब बातें हाईकोर्ट के समक्ष रखें। हालांकि भर्ती परीक्षा में न्यूनतम योग्यता अंक सामान्य वर्ग के लिए 65 फीसद और आरक्षित वर्ग के लिए 60 फीसद रखे जाने को चुनौती देने वाली शिक्षामित्रों की मुख्य याचिकाएं और मामला सुप्रीम कोर्ट में अभी लंबित है जिस पर कोर्ट 14 जुलाई को सुनवाई करेगा। उसी मामले में सुप्रीमकोर्ट ने गत 9 जून को प्रदेश सरकार को 37339 पद शिक्षामित्रों के लिए खाली रखने का आदेश दिया था और बाकी पर भर्ती जारी रखने की छूट दी थी। 

मॉडिफिकेशन एप्लीकेशन पर 14 को सुनवाई :

अब सुप्रीम कोर्ट में शिक्षामित्रों के पदों और कटऑफ के मुद्दे को लेकर दायर की गई मोडिफिकेशन एप्लीकेशन सुनवाई 14 जुलाई को ही होगी। सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्री ने शिक्षक भर्ती में शामिल एक पक्ष की मांग पर सात जुलाई को तारीख लगा दी थी लेकिन अब 14 जुलाई के लिए ही लिस्टेड कर दिया गया है।

कोर्ट ने कहा-उत्तरमाला चैलेंज करना अब कल्चर बना :

इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस हेमंत गुप्ता ने कहा था कि पूरे देश में सभी परीक्षाओं की उत्तरमाला को चैलेंज करने का एक कल्चर बन गया है। याची अमिता त्रिपाठी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की तरफ से 12 जून को सुनाए गए फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इसके कारण उत्तर प्रदेश सरकार को काउंसलिंग प्रक्रिया को बीच में ही रोकना पड़ा था। यूपी सरकार ने शिक्षक भर्ती की 1 जून को कटऑफ लिस्ट जारी करके 3 जून से काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू की थी। तभी उसी दिन इलाहाबाद हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के न्यायमूर्ति आलोक माथुर ने 8 मई के बाद की सारी प्रक्रिया पर स्टे लगा दिया था। उन्होंने इस मामले में यूजीसी के एक्सपर्ट से रिपोर्ट मांगी है और 6 जुलाई तक रिपोर्ट को सबमिट करने के लिए कहा था। इसके बाद सिंगल बेंच में फिर से इस मुद्दे पर सुनवाई होनी है। 

डबल बेंच ने हटाया था स्टे :

यूपी में शिक्षकों की भर्ती में सिंगल बेंच से स्टे का आदेश आने के बाद सरकर डबल बेंच गई थी। डबल बेंच ने इस केस की सुनवाई करते हुए 12 जून को स्टे हटा दिया था। इस मुद्दे को उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पूरे केस के बारे में सुप्रीम कोर्ट को बताया था। इस मुद्दे को  अधिवक्ता रणजीत सिंह ने कोर्ट को सिंगल और डबल बेंच के ऑर्डर के बारे में भी बताया। सरकार की तरफ से पक्ष सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट के जज ने डबल बेंच के आदेश को सुरक्षित करते हुए आंसर शीट का केस खारिज कर दिया। उस केस के खारिज होने के बाद ऋषभ मिश्रा ने भी सुप्रीम कोर्ट में आंसर शीट के मामले में याचिका दायर कर दी थी।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

महत्वपूर्ण सूचना...


बेसिक शिक्षा परिषद के शासनादेश, सूचनाएँ, आदेश निर्देश तथा सभी समाचार एक साथ एक जगह...
सादर नमस्कार साथियों, सभी पाठकगण ध्यान दें इस ब्लॉग साईट पर मौजूद समस्त सामग्री Google Search, सोशल नेटवर्किंग साइट्स (व्हा्ट्सऐप, टेलीग्राम एवं फेसबुक) से भी लिया गया है। किसी भी खबर की पुष्टि के लिए आप स्वयं अपने मत का उपयोग करते हुए खबर की पुष्टि करें, उसकी पुरी जिम्मेदारी आपकी होगी। इस ब्लाग पर सम्बन्धित सामग्री की किसी भी ख़बर एवं जानकारी के तथ्य में किसी भी तरह की गड़बड़ी एवं समस्या पाए जाने पर ब्लाग एडमिन /लेखक कहीं से भी दोषी अथवा जिम्मेदार नहीं होंगे, सादर धन्यवाद।