गोरखपुर : शिक्षकों की बेरुखी से अब तक 70 फीसदी ही अपलोड हुआ ब्यौरा, 4 बार बढ़ाई जा चुकी है समय सीमा
अमर उजाला ब्यूरो, गोरखपुर। मानव संपदा पोर्टल पर परिषदीय शिक्षकों, शिक्षामित्रों और अनुदेशकों का सेवा विवरण दर्ज कराने और अपलोड किए गए ब्योरे के सत्यापन में बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी और शिक्षक दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। चार बार समय सीमा बढ़ाए जाने के बाद भी गोरखपुर जिले में अभी तक 60-70 फीसदी शिक्षकों का रिकार्ड ऑनलाइन अपलोड हुआ है। शासन की ओर से जानकारी अपलोड करने की आखिरी तिथि 30 जुलाई निर्धारित की गई है।बेसिक शिक्षा विभाग अपने शिक्षकों और कर्मचारियों का सेवा विवरण मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड कराने की मुहिम में बीते कई महीनों से जुटा है। भविष्य में शिक्षकों का वेतन, पेंशन सेवानिवृत्ति लाभ और अवकाश स्वीकृति आदि के कार्य मानव संपदा पोर्टल के जरिए ही किए जाने हैं। लिहाजा बेसिक विभाग ने सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि पोर्टल पर शिक्षकों का ब्यौरा तय समय तक जमा करा दें। इसकी निगरानी फर्जी शिक्षकों की जांच कर रही जिला समिति भी करेगी। साथ ही किसी शिक्षक, शिक्षामित्र और अनुदेशक के अभिलेख फर्जी या संदिग्ध मिले तो उसके विरुद्ध की गई कार्रवाई भी निदेशक कार्यालय को उपलब्ध कराएं।
मानव संपदा पोर्टल से पकड़े गए है छह फर्जी शिक्षक
मानव संपदा पोर्टल की मदद से गोरखपुर में कार्यरत छह फर्जी शिक्षकों को बर्खास्त किया गया है। अब तक कुल 53 शिक्षकों को बर्खास्त और 30 को निलंबित किया गया है। बर्खास्त शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के साथ ही वेतन रिकवरी की प्रक्रियाधीन है। वहीं निलंबित शिक्षकों का सत्यापन कार्य चल रहा है। प्राथमिक जांच में इन पर लगे आरोप सही मिलने पर ही इन्हें निलंबित किया गया है। जल्द इन्हें भी बर्खास्त किया जाएगा।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बीएन सिंह ने कहा कि मानव संपदा पोर्टल पर जानकारी अपलोड करने की आखिरी तिथि शासन की ओर से निर्धारित की गई। साथ वेतन भुगतान की प्रक्रिया को भी मानव संपदा पोर्टल से जोड़ दिया है।
स्पष्ट किया गया है कि जानकारी नहीं देने वाले शिक्षकों के अगस्त का वेतन उनके खाते में हस्तांतरित नहीं किया जाएगा। सभी खंड शिक्षाअधिकारियों को प्राथमिकता के आधार पर ब्यौरा अपलोड कराने का निर्देश दिया गया है।