प्रयागराज : दो साल बाद भी दो विषय पर निर्णय नहीं ले सका यूपीपीएससी
अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के आयोजन को दो साल पूरे हो गए और उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) दो सबसे प्रमुख विषयों हिंदी और सामाजिक विज्ञान का अंतिम चयन परिणाम अब तक जारी नहीं कर सका। हिंदी और सामाजिक विज्ञान विषय के पेपर लीक मामले में एसटीएफ को भी जांच करते एक साल से अधिक समय बीत चुका है और यह जांच भी अब तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है।आयोग और एसटीएफ के बीच झ्ूल रहे एक लाख से अधिक अभ्यर्थियों का भविष्य दांव पर लगा है। एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के तहत १५ विषयेां में शिक्षकों के १०७६८ पदों पर भर्ती के लिए लिखित परीक्षा २९ जुलाई २०१८ को आयोजित की गई थी।आयोग इनमें से १३ विषयों का अंतिम चयन परिणाम जारी कर चुका है और माध्यमिक शिक्षा निदेशालय में चार हजार से अधिक चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। इन दिनों चयनित अभ्यर्थियों के अभिलेख सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है। लेकिन, दो विषयों हिंदी और सामाजिक विज्ञान का रिजल्ट अब तक फंसा हुआ है। हिंदी विषय में एलटी ग्रेड शिक्षक के १४३३ और सामााजिक विज्ञापन में १८५४ पदों यानी कुल ३२८७ पदों पर भर्ती के लिए एक लाख से अधिक अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए थे। इन अभ्यर्थियों को अब एसटीएफ की जांच पूरी होने का इंतजार है, लेकिन एसटीएफ ने अब तक चार्जशीट भी दाखिल नहीं की है।पेपर लीक मामले में एसटीएफ जांच शुरू हुए एक साल से अधिक समय बीत चुका है।एलटी समर्थक मोर्चा के संयोजक विक्की खान और प्रतिनिधि अनिल उपाध्याय का कहना है कि अभ्यर्थी आयोग और एसटीएफ के बीच झूल रहे हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी भर्ती संस्था यूपीपीएससी की ओर से दो साल बाद भी दो विषयों के रिजल्ट पर निर्णय नहीं नहीं लिया जा सका और एक साल बाद भी एसटीएफ की जांच अधूरी है।
जांच शुरू होते ही परीक्षा नियंत्रक की हुई थी गिरफ्तारी
एसटीएफ ने हिंदी एवं सामाजिक विज्ञान विषय के पेपर लीक मामले में २८ मई २०१९ को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में छामा मारा था। मामले में एसटीएफ ने तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक को गिरफ्तार किया था। बाद में जांच आगे बढ़ी तो कई अन्य गिरफ्तारियां भी हुईं। लेकिन, एसटीएफ जांच शुरू होने के एक साल बाद भी यह स्पष्ट नहीं हो सका कि इन दोनों विषयों में पेपर लीक हुआ था या नहीं।
रिजल्ट के लिए ४४ बार हो चुका है धरना
हिंदी और सामाजिक विज्ञान के रिजल्ट के लिए अभ्यर्थी उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग पर ४४ बार धरना-प्रदर्शन कर चुके हैं। एक बार उन्हें पुलिस की लाठियां भी खानी पड़ीं। साथ ही इस मुद्दे पर अभ्यर्थियों और आयोग के अध्यक्ष के बीच नौ बार और आयोग के सचिव के साथ चार बार वार्ता हो चुकी है। इसके अलावा मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्रभ्को अब तक हजारों की संख्या में ट्वीट किए गए हैं। सोशल मीडिया पर भी लगातार अभियान चलाया जा रहा है।