लखनऊ : बीएड प्रवेश परीक्षा में नया रोड़ा, लखनऊ विश्वविद्यालय ने शासन को लिखा पत्र
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊ | संयुक्त प्रवेश परीक्षा बीएड से संकट के बादल कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। परीक्षा के लिए प्रदेश 73 जिलों में 1100 के करीब परीक्षा केन्द्र बनाए गए हैं।इसमें 4 लाख 31 हजार छात्र-छात्राओं को परीक्षा देना है लेकिन कोविड-19 मानकों के हिसाब से अभ्यर्थियों का समायोजन इन केन्द्रों पर नहीं हो पा रहा है। ऐसे में विश्वविद्यालय ने शासन से परीक्षा केन्द्रों की व्यवस्था कराए जाने की मांग की है। प्रशासन का कहना है कि परीक्षा केन्द्रों की कमी पूरी नहीं की गई तो परीक्षा कराना मुश्किल हो जाएगा। संयुक्त प्रवेश परीक्षा बीएड आयोजित कराए जाने की जिम्मेदारी इस साल लखनऊ विश्वविद्यालय को दी गई है।बीएड प्रवेश परीक्षा की प्रस्तावित तिथि 9 अगस्त घोषित की गई है। कोरोना संक्रमण के चलते तीन बार परीक्षा तिथि पहले ही बदली जा चुकी है। परीक्षा में चार लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल होंगे। परीक्षा के लिए राजकीय व एडेड स्कूलों को ही परीक्षा केन्द्र बनाया जाना है। प्रशासन के अनुसार अभ्यर्थियों की संख्या अधिक है जबकि उसके सापेक्ष परीक्षा केन्द्र कम है। ऐसे में कोविड-19 के मानकों पर परीक्षा कराना संभव नहीं हो पाएगा। रजिस्ट्रार डॉ विनोद सिंह के अनुसार नए सिरे परीक्षा केन्द्रों की सूची मांगी गई है। इसमें 950 कॉलेजों की सूची मिल चुकी है। बीएड परीक्षा समन्वयक प्रो अमिता बाजपेई के अनुसार अधिक परीक्षा केन्द्रों के बिना परीक्षा कराना संभव नहीं है। शासन को परीक्षा केन्द्र बढ़ाने के लिए पत्र लिखा जाएगा।