वाराणसी : टीचर नियुक्ति घोटाला, कस्तूरबा मामले में स्वयंसेवी संस्थाओं की भी होगी जांच
वाराणसी वरिष्ठ संवाददाता | Published By: Yogesh YadavUpdated: Wed, 01 Jul 2020 02:32 PM
कस्तूरबा विद्यालयों में नियुक्ति के मामले में स्वयंसेवी संस्थाओं की भूमिका की भी जांच हो रही है। जिले में दो कस्तूरबा विद्यालयों का संचालन स्वयंसेवी संस्था ही करती हैं। इन संस्थाओं के माध्यम से ही उन विद्यालयों में नियुक्ति है।
नियुक्ति प्रकरण के जांच के लिए गठित समिति ने संस्थाओं की भूमिका पर सवाल खड़ा किया है। एक संस्था ने अब तक कस्तूरबा विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों और कर्मचारियों का विवरण नहीं उपलब्ध कराया है। इससे जांच आगे नहीं बढ़ पाई। दो साल पहले तक दोनों कस्तूरबा स्कूलों में नियुक्ति का अधिकार इन संस्थाओं के पास ही था।
अब शासन ने इसे जिला चयन समिति के जिम्मे कर दिया है। दो साल पूर्व हुई नियुक्तियों को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी राकेश सिंह ने बताया कि इस मामले की जानकारी शासन को भेजी जा रही है।
शिक्षक, कर्मचारियों के अंकपत्र सत्यापन के लिए भेजे गये
कस्तूरबा आवासीय विद्यालयों में नियुक्त जिन शिक्षकों और कर्मचारियों के अंकपत्र संदिग्ध पाए गए हैं, उन्हें सत्यापन के लिए बोर्ड कार्यालय को भेजा जा रहा है। बीएसए राकेश सिंह के मुताबिक इस मामले में गठित जांच समिति ने जिन कर्मचारियों और शिक्षकों के अंकपत्र पर संदेह जाहिर किया है, उनकी पुख्ता जांच कराने के लिए अंक पत्रों की प्रति बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय को भेजी गई है। संबंधित कर्मचारी और शिक्षकों को भी अपना पक्ष रखने का पूरा मौका दिया जाएगा।
अनुमान है कि तीन-चार दिन के भीतर जांच प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। जिले के छह कस्तूरबा विद्यालयों में नियुक्त 88 शिक्षकों और कर्मचारियों के शैक्षिक अभिलेखों की जांच तीन सदस्यीय समिति कर रही है। समिति नियुक्ति प्रक्रिया की भी गहराई से पड़ताल कर रही है। नियुक्ति प्रक्रिया में अनियमितता बरते जाने के प्रथम दृष्टया साक्ष्य मिले हैं। जिसके आधार पर 12 शिक्षकों और कर्मचारियों को नोटिस दी गई थी। इसमें से अधिकतर के जवाब मंगलवार तक आ गए। कुछ के जवाब बुधवार तक आ जाएंगे।
दूसरी ओर बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय में अन्य जिलों से भी सत्यापन के लिए कागजात आने लगे हैं। ये अभिलेख उन शिक्षकों और कर्मचारियों के हैं, जो प्रदेश के अन्य कस्तूरबा विद्यालयों में नियुक्त हैं। लेकिन उन्होंने 10वीं और 12वीं की परीक्षा वाराणसी क्षेत्रीय कार्यालय के अधीन किसी विद्यालय से पास की है।