अमर उजाला ब्यूरो, गोरखपुर। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में कार्यरत फर्जी शिक्षिका अनामिका शुक्ला प्रकरण के सामने आने के बाद से जिले में कार्यरत अनुदेशकों और शिक्षामित्रों के बायोमेट्रिक सत्यापन की कार्रवाई शुरू हो गई है। हर ब्लॉक पर खंड शिक्षा अधिकारी की अगुवाई शिक्षामित्रों और अनुदेशकों का सत्यापन शुरू हो गया है।जल्द ही सत्यापन कार्य पूरा कर इसकी पूरी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। इसे लेकर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिया है। जिले में 3300 शिक्षामित्र तो 565 अनुदेशकों के दस्तावेजों का सत्यापन होगा।
कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में एक ही नाम से 9 जिलों में कार्यरत अनामिका शुक्ला का मामला सामने आने के बाद से शासन ने कस्तूरबा विद्यालयों के साथ परिषदीय विद्यालयों में कार्य करने वाले शिक्षकों के दस्तावेजों के सत्यापन का निर्देश दिया था।
क्या है बायोमेट्रिक सत्यापन
परिषदीय शिक्षकों का सत्यापन कार्य मानव संपदा पोर्टल से ही पूरा हो रहा है। इसलिए उन्हें शत प्रतिशत डाटा अपलोड करने का अल्टीमेटम दिया जा रहा है। वहीं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में पढ़ाने वाली शिक्षिकाओं का बायोमेट्रिक सत्यापन कार्य पूरा हो चुका है। इसके बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने अनुदेशकों और शिक्षामित्रों का बायोमेट्रिक सत्यापन कराने का निर्णय लिया है।इस प्रक्रिया के तहत अनुदेशकों और शिक्षामित्रों से नियुक्ति से जुड़े समस्त दस्तावेजों का सत्यापन किया जा रहा है। साथ ही साथ आधार कार्ड के माध्यम से बायोमेट्रिक सत्यापन कराया जा रहा है। यदि किसी का बायोमेट्रिक मशीन में अंगूठा मैच नहीं होता है तो वो संदेह के घेरे में रहेगा।कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की शिक्षिकाओं के बायोमेट्रिक सत्यापन का कार्य पूरा होने के बाद से अनुदेशकों और शिक्षकों का सत्यापन कार्य ब्लॉक स्तर पर शुरू करा दिया गया है। सत्यापन में शैक्षिक और मूल निवास प्रमाण पत्र देखे जा रहे हैं। ताकि आगे अनामिका शुक्ला जैसा मामला सामने न आ सके। -बीएन सिंह, बीएसए