हिन्दुस्तान टीम,लखनऊ | डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के कुलपति ने 21 जुलाई से ऑनलाइन पढ़ाई कराने का शिक्षकों को निर्देश दिया है, लेकिन कुलपति के इस फरमान से शिक्षक खासे नाराज हैं। उनका कहना है कि ऑनलाइन पढ़ाई के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने कंप्यूटर एवं प्लेटफार्म से लेकर अन्य बुनियादी संसाधन उपलब्ध नहीं कराई है। नया शैक्षिक सत्र 21 जुलाई से शुरू हो रहा है। इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने पढ़ाई का कार्यक्रम भी जारी कर दिया है । इस दिन से द्वितीय एवं तीसरे वर्ष की कक्षाएं होगी। उनका कहना है कि वह ऑनलाइन पढ़ाई कैसे कराएंगे ना तो अभी तक उन्हें लैपटॉप मिला है और ना ही ऑनलाइन पढ़ाई के लिए प्लेटफार्म की व्यवस्था की है । पिछले शैक्षिक सत्र में लाकडाउन शुरू होने के पहले करीब 70 फ़ीसदी से अधिक कोर्स पूरा हो गया था। ऐसे में छात्रों के बचे कोर्स मोबाइल फोन के जरिए पूरे कराए थे। शिक्षकों का कहना है कि नया शैक्षिक सत्र शुरू होने में मात्र 1 दिन बचे हैं और अभी तक उन्हें यूजर आईडी मीटिंग आईडी और पासवर्ड तक उपलब्ध नहीं कराए गए हैं।
निशुल्क ऑनलाइन प्लेटफार्म से पढ़ाई संभव नहीं
शिक्षकों का कहना है कि नए शैक्षिक सत्र में पूरा कोर्स पढ़ाना है ऐसे में मोबाइल और निशुल्क प्लेटफार्म के जरिए पढ़ाई संभव नहीं है। उससे करीब 180 छात्रों को एक साथ पढ़ाना संभव नहीं है। इसके लिए गूगल मीट ऐसे ऑनलाइन प्लेटफार्म की जरूरत होगी। उसके लिए विश्वविद्यालयों को शुल्क अदा करना पड़ेगा।
अभी तक सभी छात्रों के पंजीकरण भी नहीं हुए
विश्वविद्यालय में नए शैक्षिक सत्र के लिए सभी छात्रों के पंजीकरण भी नहीं गए हैं इसका कारण है कि उनकी फीस का मामला अभी तक विश्वविद्यालय ने निस्तारित नहीं किया है छात्रों की मांग है कि उनसे नए सत्र में यूटिलिटी चार्ज ना लिया जाए।शिक्षक पिछले शैक्षिक सत्र की तरह ही पढ़ाई शुरू कराएं जरूरत हो तो विश्वविद्यालय के कंप्यूटर रूम से पढ़ाई करा सकते हैं नए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म लेने की चयन प्रक्रिया चल रही है जल्दी नया प्लेटफार्म उपलब्ध करा दिया जाएगा। प्रोफेसर एसके भटनागर कुलपति डॉ राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय