लखनऊ : आसपास के परिवेश से जुड़ा हो छोटे बच्चों का पाठ्यक्रम-राज्यपाल
विशेष संवाददाता-राज्य मुख्यालय राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा है कि कक्षा एक से आठ तक उम्र के बच्चों के लिए पाठ्यक्रम ऐसा हो जो आसपास के परिवेश से जुड़ा हो। इस उम्र के बच्चों में सीखने की शक्ति ज्यादा होती है। इसलिए इन बच्चों को रोचक तरीके से सिखाना चाहिए। वहीं शिक्षकों का प्रशिक्षण भी इसी दिशा में होना चाहिए। शुक्रवार को राजभवन में बेसिक शिक्षा विभाग ने अपने स्कूलों के संचालन के बारे में प्रस्तुतिकरण दिया। राज्यपाल ने कहा कि प्राइमरी स्कूलों का पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए हर विषय के लिए अलग-अलग विशेषज्ञों की कमेटी बनाई जाए, जिसमें विषय पढ़ाने वाले शिक्षक भी शामिल हों। उन्होंने चित्रों के माध्यम से सिखाने पर बल देते हुए कहा कि छोटे बच्चों को पोस्टर व चित्रों के माध्यम से सिखाने के लिए कार्ययोजना बनाई जाए। स्कूल की दीवारों पर पोस्टर व चित्र बनाए जाएं जिनसे कुछ सीखा जा सके। पोस्टर व चित्र बच्चों की लम्बाई के हिसाब से लगाए जाएं। महानिदेशक स्कूल शिक्षा एवं राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा विजय किरन आनन्द ने मिशन प्रेरणा का प्रस्तुतिकरण दिया और बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा जारी रैंकिंग में सुधार लाने के लिए राज्य सरकार क्या कदम उठा रही है। उन्होंने जानकारी दी कि अगले 2 वर्षों में उत्तर प्रदेश को टॉप 5 राज्यों की सूची में लाने का लक्ष्य है और उसी के अनुरूप सभी कदम उठाए जा रहे हैं।इस मौके पर बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सतीश द्विवेदी, अपर मुख्य सचिव राज्यपाल महेश कुमार गुप्ता, अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा रेणुका कुमार, राज्यपाल के विशेष कार्याधिकारी (शिक्षा) केयूर सम्पत समेत कई अधिकारी मौजूद रहे।