प्रयागराज : बिना सेनेटाइज किए खुल गए स्कूल, बीमारी का खतरा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, प्रयागराज प्रदेश सरकार के निर्देशों के अनुरूप सोमवार से सभी शासकीय, सहायता प्राप्त एवं वित्तविहीन माध्यमिक विद्यालय खुल गए। प्रवेश सहित दूसरे जरूरी कार्यों के लिए शासन की ओर से प्रधानाचार्य, शिक्षकों एवं कर्मचारियों को स्कूल आने का निर्देश दिया गया है। शासन के निर्देश के बाद छह जुलाई को प्रदेश के सभी स्कूल खुल गए।स्कूलों से मिली रिपोर्ट में पता चला है कि जिले के अधिकांश स्कूलों को बिना सेनेटाइज कराए ही खोल दिया गया।बिना सेनेटाइज किए स्कूलों को खोले जाने से संक्रमण का खतरा बना हुआ है। शिक्षकों का कहना है कि उन्हें स्कूल आने में परेशानी नहीं है, परेशानी तो कोरोना संक्रमण रोकने के उपाय नहीं किए जाने को लेकर है। ग्रामीण क्षेत्र के कुछ स्कूलों में ग्राम प्रधानों के मौजूद सेनेटाइजेशन मशीन से सेनेटाइज तो कराया गया परंतु अधिकांश स्कूलों में थर्मल स्कैनर नहीं होने से किसी शिक्षक की जांच नहीं हो सकी। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ठकुराई गुट के प्रदेश महामंत्री लालमणि द्विवेदी का कहना है कि अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला के निर्देश में यह नहीं कहा गया है कि सभी शिक्षकों की उपस्थिति अनिवार्य है, आदेश में कहा गया है कि प्रधानाचार्य जितने शिक्षकों, कर्मचारियों को जरूरी समझें बुला सकते हैं। ऐेसे में शिक्षकों को मात्र जरूरी काम प्रवेश, टीसी, अंकपत्र-प्रमाण पत्र के वितरण के लिए बुलाए जा सकते हैं। इसमें नियमित उपस्थिति की बात नहीं कही गई है। उन्होंने स्कूलों को प्रतिदिन सेनेटाइज करने की व्यवस्था के लिए जिला विद्यालय से निगरानी की मांग की है।उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ शर्मा गुट के जिलाध्यक्ष राम प्रकाश पांडेय एवं मंत्री अनुज कुमार पांडेय का कहना है कि प्रधानाचार्य सेनेटाइजेशन और थर्मल स्कैनिंग की व्यवस्था करने के बाद ही शिक्षकों को बुलाएं, जिससे उनमें संक्रमण का खतरा न हो।