एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग
की समस्त सूचनाएं एक साथ

"BSN" प्राइमरी का मास्टर । Primary Ka Master. Blogger द्वारा संचालित.

जनपदवार खबरें पढ़ें

जनपदवार खबरें महराजगंज लखनऊ इलाहाबाद प्रयागराज गोरखपुर उत्तर प्रदेश फतेहपुर सिद्धार्थनगर गोण्डा बदायूं कुशीनगर सीतापुर बलरामपुर संतकबीरनगर देवरिया बस्ती रायबरेली बाराबंकी फर्रुखाबाद वाराणसी हरदोई उन्नाव सुल्तानपुर पीलीभीत अमेठी अम्बेडकरनगर सोनभद्र बलिया हाथरस सहारनपुर बहराइच श्रावस्ती मुरादाबाद कानपुर अमरोहा जौनपुर लखीमपुर खीरी मथुरा फिरोजाबाद रामपुर गाजीपुर बिजनौर बागपत शाहजहांपुर बांदा प्रतापगढ़ मिर्जापुर जालौन चित्रकूट कासगंज ललितपुर मुजफ्फरनगर अयोध्या चंदौली गाजियाबाद हमीरपुर महोबा झांसी अलीगढ़ गौतमबुद्धनगर संभल हापुड़ पडरौना देवीपाटन फरीदाबाद बुलंदशहर

Search Your City

प्रयागराज : अंडरटेकिंग मांगे जाने पर शिक्षकों ने उठाए सवाल

0 comments
प्रयागराज : अंडरटेकिंग मांगे जाने पर शिक्षकों ने उठाए सवाल

प्रयागराज। इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) में वर्ष 2012 से 2017 तक लगातार छह साल जून के महीने में परिवहन भत्ता लिए जाने के मामले में अंडरटेकिंग मांगे जाने पर शिक्षकों ने सवाल उठाए हैं। ऑटा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एआर सिद्दीकी ने रजिस्ट्रार और वित्त अधिकारी को पत्र लिखकर विरोध दर्ज कराया है।जून में गर्मी की छुट्टी होती है और इस दौरान शिक्षकों को परिवहन भत्ते का भुगतान किया गया।सीएजी टीम की ओर से ऑडिट आपत्ति के बाद इविवि प्रशासन ने पत्र जारी कर शिक्षकों से अंडरटेकिंग मांगी है। साथ ही कहा है कि अंडरटेकिंग न देने पर संबंधित शिक्षक से रिकवरी की जाएगी। इसके अलावा कर्मचारियों को पूर्व में दिए गए बोनस की वसूली से संबंधित आदेश भी जारी किए गए हैं। ऑटा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एआर सिद्दीकी ने रजिस्ट्रार एवं वित्त अधिकारी को लिखे पत्र में कहा है कि इविवि प्रशासन स्पष्ट करे कि क्या शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने क्या जबर्दस्ती पैसा ले लिया और अगर नहीं तो यह अनियमित भुगतान कैसे है। रजिस्ट्रार और वित्त अधिकारी भी शिक्षक रहे हैं, तो इस तरह का आदेश कैसे जारी कर सकते हैं। उन्होंने भी परिवहन भत्ता लिया होगा। प्रो. सिद्दीकी का कहना है कि इस भुगतान की फाइल बनी होगी, ड्राफ्ट लिखा गया होगा, प्रशासनिक आदेश जारी हुआ होगा, लिपिक, लेखाधिकारी और प्रशासनिक अधिकारी से आदेश को ठीक से पढ़ा होगा। वित्त अधिकारी ने इसकी स्क्रूटनी की होगी। शिक्षकों की सूची बनी होगी, जो बैंक को भेजी गई होगी और इसके बाद शिक्षकों के खाते में पैसा ट्रांसफर हुआ होगा, ऐसे में शिक्षकों की गलती कहां है? प्रो. सिद्दीकी ने कहा है कि रजिस्ट्रार एवं वित्त अधिकारी भी शिक्षक हैं और उन्हें मालूम है कि विश्वविद्यालय में कई के महीने में वार्षिक एवं सेमेस्टर परीक्षाएं होती हैं। जून में प्रवेश परीक्षाएं होती हैं। शोध कार्य होता है और परीक्षाफल तैयार किए जाते हैं। ऐसे में जब ऑडिट आपत्ति आई तो इविवि प्रशासन ने इसका जवाब क्यों नहीं दिया। यह जांच का विषय है कि कार्यालय ऐसी गलतियां बार-बार क्यों कर रहा है?

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

महत्वपूर्ण सूचना...


बेसिक शिक्षा परिषद के शासनादेश, सूचनाएँ, आदेश निर्देश तथा सभी समाचार एक साथ एक जगह...
सादर नमस्कार साथियों, सभी पाठकगण ध्यान दें इस ब्लॉग साईट पर मौजूद समस्त सामग्री Google Search, सोशल नेटवर्किंग साइट्स (व्हा्ट्सऐप, टेलीग्राम एवं फेसबुक) से भी लिया गया है। किसी भी खबर की पुष्टि के लिए आप स्वयं अपने मत का उपयोग करते हुए खबर की पुष्टि करें, उसकी पुरी जिम्मेदारी आपकी होगी। इस ब्लाग पर सम्बन्धित सामग्री की किसी भी ख़बर एवं जानकारी के तथ्य में किसी भी तरह की गड़बड़ी एवं समस्या पाए जाने पर ब्लाग एडमिन /लेखक कहीं से भी दोषी अथवा जिम्मेदार नहीं होंगे, सादर धन्यवाद।