गोरखपुर : लॉकडाउन में फीस माफी की कर रहे मांग, अभिभावकों ने 'नो स्कूल-नो फीस' के चिपकाए पोस्टर
कोरोना काल में पूरी तरह टूट चुके अभिभावकों ने रविवार को धूप में निकल ‘नो स्कूल नो फीस’ की आवाज बुलंद की। इस मुहीम में दर्जन भर अभिभावक को शामिल थे ही साथ ही स्कूल में पढ़ने वाले मासूम भी स्कूल प्रबंधन से अपील कर रहे थे कि हमारे पापा के पास पैसा नहीं है अगर स्कूल नहीं चल रहे हैं तो फीस क्यों ली जा रही है।
अभिभावक की ये मुहीम पूर्वांचल अभिभावक प्रोग्रेसिव अधिकार मंच (पापा) के बैनल तले चलायी गई। जिसमें बच्चे और अभिभावक दोनो ही नो स्कूल नो फीस को पोस्टर लेकर चल रहे थे। इतना ही नहीं इन अभिभावकों ने बेतियाहाता स्थित पचास से अधिक घरों में इन पोस्टर को गृह स्वामी की अनुमति लेने और मुहीम शामिल होने की अपील के बाद लगाया। कालोनीवासियों ने भी अभिभावकों के बात को उचित मानते हुये साथ देने की बात कही। अभिभावकों के इस अभियान में सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना बचाव के अन्य नियमों का पालन किया गया।
नेट का खर्चा भी अभिभावक उठा रहा
मंच के अध्यक्ष सत्यानारायण शर्मा ने कहा कि बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई चल रही है लेकिन इसमें हमारा नेट रिचार्ज का खर्चा हो रहा है। अगर घर में तीन बच्चे हैं तो तीन मोबाइल को रिचार्ज कराना पड़ता है। ये खर्चा स्कूल नहीं देता है। इसके अलावा जो बच्चे नर्सरी, केजी के हैं। उनका प्रवेश स्कूल में इसीलिए कराया जाता है कि बच्चे घर में नहीं कम से कम स्कूल में पढ़ेंगे। अब उन बच्चों की फीस भी मांगी जा रही है।
स्कूल प्रबंधन को सोचना चाहिए कि प्राइवेट नौकरी करने वाला, व्यापारी वर्ग के अभिभावक की कमर लॉकडाउन में टूट चुकी है। इसलिए सरकार और स्कूल प्रबंधन को स्कूल बंद रहने तक फीस भी नहीं लेना चाहिए। अभिभावकों की जनजागरण मुहीम में महेश पोद्दार, नानक, श्याम, अभिषेक अग्रवाल, शेर खान के साथ ही अन्य अभिभावक और मासूम छात्र शामिल रहे।