प्रयागराज,जेएनएन। प्रोफेसर राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय में 15 विषयों में 76 पदों पर होने वाली शिक्षक भर्ती का मामला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह तक पहुंच गया है। गुरुवार को फिर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से शिकायत की गई है। इसके बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन आरोपों पर किसी भी तरह की सफाई देने से कतरा रहा है।
*योग्य अभ्यर्थियों को साक्षात्कार प्रक्रिया से बाहर करने का लगाया आरोप*
बोधगया स्थित मगध विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अजित सिंह ने उत्तर प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को पत्र लिखकर बताया कि शिक्षक भर्ती में प्रदेश के कोने-कोने से अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। विवि प्रशासन ने साक्षात्कार की प्रक्रिया से योग्य अभ्यर्थियों को बाहर कर दिया। जिनको बुलाया उनके नंबर काफी कम हैं। आवेदकों के दबाव में 20 जुलाई को विषयों के कटऑफ अंक जारी किए गए।
*भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग*
लॉकडाउन में चोरी चुपके विवि प्रशासन कुछ चुनिंदा अभ्यर्थियों को ई-मेल के जरिए साक्षात्कार के लिए बुलाकर प्रक्रिया शुरू कर रहा है। उन्होंने भर्ती प्रक्रिया पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की मांग की है। जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की तरफ से संस्कृत सेंटर के पार्षद रहे और प्रयागराज स्थित जमुनीपुर निवासी डॉ. सर्वेश कुमार मिश्र ने आरोप लगाया कि उनकी स्क्रीनिंग ठीक से नहीं हुई है, क्योंकि उन्हें 88.87 अंक मिले हैं। यही वजह है कि उन्हें साक्षात्कार की प्रक्रिया से बाहर रखा गया। राज्य विवि के रजिस्ट्रार शेषनाथ पांडेय से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। इसके चलते उनका पक्ष नहीं मालूम हो सका।