प्रतापगढ़ : फर्जीवाड़ा रोकने के लिए अब शिक्षा मित्रों और अनुदेशकों को मानदेय राज्य मुख्यालय से दिया जाएगा। इससे न सिर्फ उन्हें समय से मानदेय मिलेगा बल्कि अन्य जिलों में एक ही प्रमाण पत्रों पर तैनात संविदा शिक्षकों की पकड़ भी हो पाएगी। पब्लिक फाइनेंसियल मैनेजमेंट सिस्टम (पीएफएमएस) पोर्टल पर सबको लाने की तैयारी शुरू हो गई है। सितंबर से मानदेय इसी प्रणाली से दिए जाने की योजना है। जिले के प्राथमिक विद्यालयों में कुल 2851 शिक्षामित्र व 437 अनुदेशकों की तैनाती है। अभी तक इन्हें मानदेय आरटीजीएस के माध्यम से ऑनलाइन खाते में भेजा जाता था। राज्य परियोजना निदेशक विजय किरण आनंद ने 25 जून को सूबे के सभी बीएसए को पत्र भेज कर प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षामित्रों व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत अनुदेशकों के मानदेय की बैंक इनवॉइस मांगी थी, जिससे इन्हें पोर्टल पर पंजीकृत किया जा सके। पोर्टल पर पंजीकृत करने के बाद शिक्षा मित्रों और अनुदेशकों को मानदेय राज्य स्तर से दिया जाएगा। इससे उन्हें समय से मानदेय मिलेगा बल्कि अन्य जिलों में एक ही प्रमाणपत्रों पर तैनात संविदा शिक्षकों की पकड़ भी हो पाएगी। पब्लिक फाइनेंसियल मैनेजमेंट सिस्टम (पीएफएमएस) पोर्टल पर इन सबको लाने की तैयारी शुरू हो गई है। सितंबर से मानदेय इसी प्रणाली से देने की योजना है। उच्च प्राथमिक अनुदेशक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष तेजस्वी शुक्ला ने शासन के निर्देश पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि अब अनुदेशकों को समय से मानदेय मिल सकेगा। दो जगह होने पर होगी पकड़ : पहले चरण में जिलों से ही इसके जरिए मानदेय भेजा जाएगा। दूसरे चरण में सितंबर तक इसे राज्य स्तर तक लागू किया जा सकता है। पब्लिक मैनेजमेंट फाइनेंशियल सिस्टम (पीएफएमएस) के जरिए मानदेय भेजने पर पता चल सकेगा कि एक ही प्रमाणपत्र पर कितने शिक्षामित्र या अनुदेशक तैनात हैं। यानी केजीबीवी के अनामिका प्रकरण जैसे मामले पकड़ में आ सकेंगे, क्योंकि राज्य स्तरीय डाटा इस पर रहेगा। वहीं अब मानदेय भी बजट आते ही दिया जा सकेगा। किसी भी वित्तीय शिकायत पर तुरंत जांच हो सकेगी।
ये होंगे फायदे :: बेसिक शिक्षा विभाग में चरणबद्ध तरीके से सभी खातों को पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम ( पीएफएमएस) पर लाया जा रहा है, ताकि फंड ट्रांसफर के साथ पारदर्शिता बनी रहे। यहां तक कि स्कूल प्रबंधन समितियों के खाते भी इस पर पंजीकृत किए गए हैं।
""पैसे से जुड़े सारे मामले पोर्टल से जुड़ेंगे, राज्य परियोजना के अकाउंट, कस्तूरबा विद्यालयों के अकाउंट, विद्यालयों के अकाउंट, शिक्षकों, शिक्षामित्रों एवं अनुदेशकों के अकाउंट सभी पोर्टल से जोड़े जाएंगे। अब बैंक किसी के पैसे को अपने यहां नहीं रोक सकेगा। शासन से सीधे पीएफएमएस पोर्टल के जरिए पैसा खाते में भेजा जाएगा।
""पैसे से जुड़े सारे मामले पोर्टल से जुड़ेंगे, राज्य परियोजना के अकाउंट, कस्तूरबा विद्यालयों के अकाउंट, विद्यालयों के अकाउंट, शिक्षकों, शिक्षामित्रों एवं अनुदेशकों के अकाउंट सभी पोर्टल से जोड़े जाएंगे। अब बैंक किसी के पैसे को अपने यहां नहीं रोक सकेगा। शासन से सीधे पीएफएमएस पोर्टल के जरिए पैसा खाते में भेजा जाएगा।
- अशोक कुमार सिंह, बीएसए