लखनऊ : शुल्क प्रतिपूर्ति होगी पारदर्शी, विद्यालयों का तैयार होगा मास्टर डाटा, शिक्षण संस्थानों पर नकेल 31 अगस्त तक देना है पूरा व्योरा
लखनऊ, जेएनएन। शुल्क प्रतिपूर्ति को पारदर्शी बनाने के लिए समाज कल्याण विभाग सभी जिलों की संस्थानों का मास्टर डाटा तैयार कर रहा है। डिजिटल हस्ताक्षरयुक्त सीटों की संख्या व फीस समेत पूरा विवरण देना होगा। 31 अगस्त तक जिला समाज कल्याण अधिकारी कार्यालय में ऑनलाइन डाटा उपलब्ध कराना होगा। ऐसा न करने वाली संस्थानों के विद्यार्थियों को शुल्क प्रतिपूर्ति का भुगतान नहीं किया जाएगा।शुल्क प्रतिपूर्ति के आवेदन से पहले सभी जिलों के मान्यता प्राप्त विद्यालयों का मास्टर डाटा तैयार किया जाएगा। जिला समाज कल्याण अधिकारी डॉ.अमरनाथ यती ने बतायाकि पुराने और नए विद्यालयों को सीटों की संख्या के साथ ही फीस का पूरा ब्योरा ऑनलाइन करना होगा। इन सबका मास्टर डेटा तैयार होने के बाद ही संस्थान के विद्यार्थी आवेदन कर सकेंगे।31 अगस्त तक डाटा विभाग के पास भेजना है। समाज कल्याण विभाग की ओर से हर साल करीब 27 लाख अनुसूचित जाति व जनजाति और सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों को शुल्क प्रतिपूर्ति व वजीफा दिया जाता है। बेसिक शिक्षा से लेकर इंजीनियरिंग और डाक्टरी की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों की फीस शुल्क प्रतिपूर्ति के रूप में दी जाती है। इसके अलावा पिछड़ा वर्ग, अल्प संख्यक विभाग को मिलाकर प्रदेश के 60 लाख विद्यार्थियोें को हर साल अनुदान के रूप में धनराशि दी जाती है।